नई दिल्ली: वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण राफेल सौदे की ग़लत समय रेखा पर प्रकाश डालते हैं और कई अनुत्तरित प्रश्न भी उठाते हैं।
एक सौदा जो 95% पूरा हो चुका था अचानक पूरी तरह से बदल गया था और केवल लाभार्थी मोदी के अच्छे दोस्त अनिल अंबानी थे।
वह कहते हैं, पूरा राफेल सौदा भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है और यही कारण है कि सौदे में कोई पूछताछ की अनुमति नहीं है।
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