जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने नेशनल दस्तक चैनल पर भाजपा की मंदिर की राजनीति पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि ‘रोटी’ से ध्यान हटाने के लिए मंदिर के मुद्दे को उठाया गया है।
कन्हैया उनसे पूछते हैं, जो हिंदू और मुसलमानों के बीच लड़ाई करवाना चाहते हैं, आपको किसने हिंदू धर्म को बचाने के लिए टेंडर दिया था? उन्होंने दावा किया कि वे जनता का भ्रम बनाने के लिए धर्म का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें राम की आवश्यकता नहीं है लेकिन नथुराम की है।
कन्हैया ने याद किया कि अंग्रेजों ने भारत पर शासन करने के लिए डिवाइड एंड रूल नीति का इस्तेमाल किया और यह हिंदू महासभा ही था, जिन्होंने भारत छोड़ने से पहले अंग्रेजों की दो-राष्ट्रीय नीति से प्रेरित होकर सिर्फ ताबूत में अंतिम कील लगाई थी।
कन्हैया ने कहा, मैंने सावरकर को एक वीर नहीं बुलाया क्योंकि उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी, और वीर ने कभी माफी नहीं मांगी।
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