कांग्रेस में निलंबन रद्द होने के कुछ ही दिनों के भीतर पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर कश्मीरियों पर बयान देकर फिर चर्चा में हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान से आर्टिकल 35ए को खत्म नहीं करना चाहिए। इससे कश्मीरी दहशतजदा नहीं रहेंगे। जो अधिकार बीते 90 साल से संविधान में है उसे वहीं बने रहने देना चाहिए।
इसके कुछ समय बाद उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि कश्मीर वार्ता में बातचीत की प्रक्रिया में अलगाववादी हुर्रियत नेताओं को भी शामिल करना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। मैं अगर यहां आया हूं तो इसका मतलब है कि मैं कश्मीर के लोगों को अपना मानता हूं। अगर कोई अलग होना चाहता है तो हमें उससे बात करनी चाहिए। बातचीत में सभी वर्गों को शामिल करना चाहिए। मैं जानता हूं कि ऐसे कई कश्मीरी हैं जो भारत के साथ रहना चाहते हैं।
#WATCH: Mani Shankar Aiyar in Srinagar says 'Hurriyat should be included in all dialogues too'. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/j5xrwtYM9l
— ANI (@ANI) August 25, 2018
उन्होंने कहा-मैं पिछले साल मई माह में यहां आया था। उस समय हमने हुर्रियत को बातचीत के लिए दावत दी थी। उनके एक नेता आए थे लेकिन सभी नहीं आ सकते थे क्योंकि उन्हें नजरबंद कर दिया गया था। खासकर यासीन मलिक से नहीं मिल पाए थे।
इसलिए मैंने शुक्रवार को उनको फोन करवाया था और यह पूछा था कि क्या इस बार मैं कश्मीर आ रहा हूं और आपसे मिल सकता हूं तो उन्होंने कहा वह मुझसे दिल्ली में मिलेंगे। मैं इस बार किसी हुर्रियत नेता से नहीं मिल रहा हूं। उन्हें हमें बातचीत में शामिल करना चाहिए।