पीपुल्स कमिशन ऑन श्रिंकिंग डेमोक्रेटिक स्पेस (पीसीएसडीएस), एक राष्ट्रीय सदस्यता-आधारित संस्था, देश में स्वतंत्रता के मुद्दों का जवाब देने और उनकी वकालत के उद्देश्य से बनाई गई है। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय उच्च शिक्षा की हालत बिगड़ती जा रही है जैसे-जैसे साल बीतते जा रहे हैं।
पीसीएसडीएस ‘यूट्यूब पोस्टिंग कहती है, 44.81 मिलियन स्नातक छात्र उच्च शिक्षा पाने के लिए बहुत गरीब हैं। देश में पिछले चार सालों में निजी संस्थानों की संख्या 17,046 हो गई है। इस वीडियो पर प्रकाश डाला गया है कि सीमांत छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की संख्या में 40 प्रतिशत गिरावट देखी गई थी।
वीडियो भी कहती है, कुछ संस्थानों की तरफ इशारा करते हुए कि सरकार ने विद्यार्थियों के बीच असंतोष की किसी भी आवाज को रोकने के लिए व्यवस्थित प्रयास किए हैं। ‘ऊपरी जाति के श्रेष्ठतावादी और विरोधी दलित राजनीतिक निकायों को जोड़ना शक्तियों का आनंद ले रहे हैं, किसी भी परिस्थिति से मुक्त’।
नई दिल्ली में एचआरडी के एक राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान पीसीएसडीएस मई 2016 में राष्ट्रीय स्तर पर, क्षेत्रीय और विभिन्न भारतीय राज्यों में आयोजित एक सलाहकार प्रक्रिया के बाद अस्तित्व में आया है। भारत में शिक्षा संस्थानों पर हमले के संबंध में पीपुल्स ट्रिब्यूनल 11, 12 और 13, 2018 को संविधान क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
