नई दिल्ली: केंद्र की भाजपानीत सरकार जहां एक ओर भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर राजधानी दिल्ली में नई तरह की ठगी का मामला सामने आया है। यहां कौशल भारत उद्यमी परिषद द्वारा लोगों से पुरस्कार दिलवाने के नाम पर ठगी की गई। आरोप है कि परिषद ने लोगों से कहा था कि उन्हें वित्त मंत्री अरुण जेटली के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा।
इस एवज में लोगों से 80 हजार से एक लाख 20 हजार रुपये तक की रकम भी ली गई थी। हंगामा तब हुआ जब पुरस्कार समारोह में वित्त मंत्री की जगह जल संसाधन विकास मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पहुंच गए।
वित्त मंत्री वहीं एक अन्य कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे, लेकिन इस पुरस्कार समारोह में वह नहीं पहुंचे। कार्यक्रम में वित्त मंत्री के नहीं पहुंचने पर लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा होते ही यह ठगी सामने आ गई।
लोगों ने बताया कि उनसे कौशल भारत व्यवसायिक सम्मेलन कौशल भारत अवार्ड दिलवाने के लिए अच्छी खासी रकम ली गई। उनसे कहा गया था कि पुरस्कार खुद वित्त मंत्री देंगे। इसी उत्साह में उन्होंने आयोजकों को राशि दे दी। अब अंतिम समय में उन्हें धोखा दिया जा रहा है।
कुछ बड़े नाम ऐसे भी थे जिन्हें बिना पैसे के ही पुरस्कार देने की बात कही गई थी। मंत्री मेघवाल ने मामले से पल्ला झाड़ लिया। हालांकि बाद में उनके हस्तक्षेप से कुछ लोगों को चेक के माध्यम से पैसे लौटाए गए।
पुरस्कार हमेशा कुशलता और श्रेष्ठता का पैमाना माने जाते हैं, ऐसे में पैसे लेकर बड़े मंत्रियों से पुरस्कार दिलाने का यह मामला दोहरी चिंता का विषय है। क्या अब पुरस्कार भी पैसे से खरीदे जा रहे हैं।
यह एक मामला है, जो सामने आ गया, लेकिन सवाल है कि क्या ऐसे और मामले नहीं होंगे, जहां लोगों को पैसा लेकर पुरस्कार दिलवाया गया होगा। सरकार और सक्षम अधिकारियों को इस संबंध में गंभीरता से कदम उठाना चाहिए।