VIDEO: मस्जिदों पर आतंकी हमलें ने बदल दी न्यूज़ीलैंड की नीति!

क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हुए आतंकी हमले के बाद न्यूजीलैंड ने अपनी हथियार नीति को ही बदल दिया है। इस हमले के बाद उठाए गए कदमों के लिए न्यूजीलैंड की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है।
15 मार्च को क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर बंदूकधारी आतंकी के हमले के बाद न्यूजीलैंड ने बंदूक रखने के नियमों में बदलाव कर दिए हैं।

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न्यूजीलैंड की संसद में हुई बहस के बाद तय किया गया कि सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सेमी-ऑटोमैटिक बंदूकों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह प्रस्ताव 119-1 वोट से पास हो गया। इस प्रस्ताव के विपक्ष में वोट डालने वाले अकेले सांसद एक्ट पार्टी से हैं।
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11 अप्रैल को न्यूजीलैंड के गवर्नर जनरल ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए। अब यह कानून बन जाएगा। 15 मार्च को हुए हमले में 50 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें कुछ भारतीय भी शामिल थे।

गवर्नर जनरल पेस्टी रेडी के इस बिल पर हस्ताक्षर करने के बाद न्यूजीलैंड पुलिस ने ऐलान किया है कि वो प्रतिबंधित किए गए हथियारों के लिए बाइबैक कार्यक्रम चलाएगी।

ऐसे हथियारों को रखना अब प्रतिबंधित हो गया है लेकिन बाइबैक प्रोग्राम के खत्म होने तक ऐसे हथियार रखने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

इसमें लोगों से उनके हथियार खरीदे जाएंगे। डिप्टी पुलिस कमिश्नर माइकल क्लेमेंट ने कहा कि जिन लोगों के पास ऐसे हथियार हैं वो इनकी जानकारी पुलिस को दें। इसके बाद पुलिस इन हथियारों को जमा करना शुरू करे।

नए कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति ऐसे हथियार रखता है तो उसे पांच साल की जेल की सजा हो सकती है। हालांकि पेस्ट कंट्रोल में काम आने वाले और विरासत में मिले पुराने हथियारों को इस नियम में छूट दी गई है।

इस बिल के पास होने से पहले संसद में चर्चा के साथ आम जनता से भी इसके बारे में राय ली गई। क्लेमेंट ने कहा कि सरकार ने कानून बनाने का काम तेजी से किया है अब इसे लागू करवाना पुलिस की जिम्मेदारी है।

इस बिल पर हुई बहस में बोलते हुए न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने एक भावुक भाषण दिया। उन्होंने कहा, “जब मैं अस्पताल में इस हमले में जख्मी लोगों से मिलने गई तो ऐसा कोई नहीं था जिसके केवल एक जख्म हो। सबके कई जख्म थे जिनसे वो महीनों में जाकर उबर पाएंगे।

वो हमेशा के लिए विकलांग हो गए हैं। साथ ही इसका मनोवैज्ञानिक असर हमेशा उन पर रहेगा। लेकिन हम उनके साथ खड़े हैं। मुझे नहीं पता था कि इस देश में कानूनी रूप से बिक रहे हथियार एक दिन इतने बड़े विनाश का कारण बन सकते हैं।

साभार- ‘डी डब्ल्यू हिन्दी’