महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पानी को लेकर दो गुटों में खूनी संघर्ष हो गया। दो गुटों के बीच हुई हिंसा में 2 लोगों की मौत भी हो गई है। वहीं 10 पुलिस वाले समेत 30 लोग घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि बीती रात पानी को लेकर हुए एक सामान्य झगड़े ने दो समुदायों के बीच हिंसा का रूप ले लिया।
Burnt-out vehicle found following a clash between two groups in Maharashtra's Aurangabad last night. Internet Services have been suspended and Section 144 (prohibits assembly of more than 4 people in an area) has been imposed in the city pic.twitter.com/4jRioLgmJY
— ANI (@ANI) May 12, 2018
औरंगाबाद के पुराने शहर में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। आगजनी और हिंसा की व्यापक घटनाओं के चलते शहर में हर जगह में धारा 144 लागू कर दी गई है। कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिंसा की घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
Police deployed in #Maharashtra's Aurangabad after clash between two groups last night. Section 144 (prohibits assembly of more than 4 people in an area) has been imposed in the city. pic.twitter.com/JPwd1evPxU
— ANI (@ANI) May 12, 2018
जबकि महाराष्ट्र के गृह मंत्री के मुताबिक इस हिंसा में दो लोगों की जान गई है। बता दें कि औरंगाबाद में बीते मार्च में रामनवमी जुलुस के दौरान भी जमकर हिंसा हुई थी जिसमें तीन लोग मारे गए थे और संपत्ति को व्यापक नुकसान पंहुचा था।
Police deployed in #Maharashtra's Aurangabad after clash between two groups last night. Section 144 (prohibits assembly of more than 4 people in an area) has been imposed in the city. pic.twitter.com/JPwd1evPxU
— ANI (@ANI) May 12, 2018
औरंगाबाद शहर में हिंसा के दौरान 30 से 40 दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया वहीं 40 से 50 गाड़ियां भी जलकर खाक हो गई हैं।बताया जा रहा है कि टैंकर, चाकू और छड़ और तलवार के साथ के साथ भीड़ ने गाड़ियों और दुकानों पर हमला कर दिया।

इसमें कम सेकम 30 लोग घायल हो गए। पुलिस आयुक्त गोवर्धन कोलेकर, क्रांति चौक पुलिस स्टेशन के पुलिस अधीक्षक श्रीपाद परुपकरशी और दस अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। भीड़ ने तीन पुलिस वाहन जला दिए गए।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोड़े और बाद में फायरिंग भी की। पुलिस ने पूरे शहर में फ्लैग मार्च किया है और नाकाबंदी लागू की गई है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वो शांत रहें, और सोशल मीडिया के माध्यम से फैली अफवाहों पर विश्वास न करें।
पुलिस के अनुसार शुक्रवार को पानी को लेकर एक झगड़े ने दोनों समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया।देखते ही देखते औरंगाबाद शहर के गांधीनगर, राजाबाजार और शाहगंज इलाकों में हिंसा फैल गयी। शुक्रवार की रात दो समुदायों में जमकर पत्थरबाजी हुई और एक दूसरे के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। बताया जा रहा है कि इस हिंसा में अब तक 25 लोग घायल हुए हैं, जिसमें 15 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
अब तक हिंसा के कारणों का पता नहीं चल सका है लेकिन कहा जा रहा है कि अवैध रूप से लगाई गई पानी की पाइप लाइन को लेकर झगड़ा शुरू हुआ। दोनों समुदायों के बीच औरंगाबाद शहर में अपने धार्मिक और व्यापारिक वर्चस्व के लिए भी काफी दिनों से संघर्ष चल रहा था।
इसके अलावा दो समुदायों के बीच रामनवमी जुलुस के दौरान हुई हिंसा के बाद फैले अविश्वास को भी ताजा हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। पुलिस ने कहा है कि इस हिंसा की जांच की जा रही है और उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा।