VIDEO: औरंगाबाद हिंसा में दो की मौत, करीब 100 दुकानों को जलाया, धारा 144 लागू!

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पानी को लेकर दो गुटों में खूनी संघर्ष हो गया। दो गुटों के बीच हुई हिंसा में 2 लोगों की मौत भी हो गई है। वहीं 10 पुलिस वाले समेत 30 लोग घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि बीती रात पानी को लेकर हुए एक सामान्य झगड़े ने दो समुदायों के बीच हिंसा का रूप ले लिया।

औरंगाबाद के पुराने शहर में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। आगजनी और हिंसा की व्यापक घटनाओं के चलते शहर में हर जगह में धारा 144 लागू कर दी गई है। कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिंसा की घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गई है।

जबकि महाराष्ट्र के गृह मंत्री के मुताबिक इस हिंसा में दो लोगों की जान गई है। बता दें कि औरंगाबाद में बीते मार्च में रामनवमी जुलुस के दौरान भी जमकर हिंसा हुई थी जिसमें तीन लोग मारे गए थे और संपत्ति को व्यापक नुकसान पंहुचा था।

औरंगाबाद शहर में हिंसा के दौरान 30 से 40 दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया वहीं 40 से 50 गाड़ियां भी जलकर खाक हो गई हैं।बताया जा रहा है कि टैंकर, चाकू और छड़ और तलवार के साथ के साथ भीड़ ने गाड़ियों और दुकानों पर हमला कर दिया।

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इसमें कम सेकम 30 लोग घायल हो गए। पुलिस आयुक्त गोवर्धन कोलेकर, क्रांति चौक पुलिस स्टेशन के पुलिस अधीक्षक श्रीपाद परुपकरशी और दस अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। भीड़ ने तीन पुलिस वाहन जला दिए गए।
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स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोड़े और बाद में फायरिंग भी की। पुलिस ने पूरे शहर में फ्लैग मार्च किया है और नाकाबंदी लागू की गई है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वो शांत रहें, और सोशल मीडिया के माध्यम से फैली अफवाहों पर विश्वास न करें।

पुलिस के अनुसार शुक्रवार को पानी को लेकर एक झगड़े ने दोनों समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया।देखते ही देखते औरंगाबाद शहर के गांधीनगर, राजाबाजार और शाहगंज इलाकों में हिंसा फैल गयी। शुक्रवार की रात दो समुदायों में जमकर पत्थरबाजी हुई और एक दूसरे के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। बताया जा रहा है कि इस हिंसा में अब तक 25 लोग घायल हुए हैं, जिसमें 15 पुलिसकर्मी शामिल हैं।

अब तक हिंसा के कारणों का पता नहीं चल सका है लेकिन कहा जा रहा है कि अवैध रूप से लगाई गई पानी की पाइप लाइन को लेकर झगड़ा शुरू हुआ। दोनों समुदायों के बीच औरंगाबाद शहर में अपने धार्मिक और व्यापारिक वर्चस्व के लिए भी काफी दिनों से संघर्ष चल रहा था।

इसके अलावा दो समुदायों के बीच रामनवमी जुलुस के दौरान हुई हिंसा के बाद फैले अविश्वास को भी ताजा हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। पुलिस ने कहा है कि इस हिंसा की जांच की जा रही है और उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा।