VIDEO: पहले विश्वयुद्ध की 100 वीं वर्षगांठ पर पेरिस समारोह में 70 देशों के नेता हुए शामिल

सौ साल पहले प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति की वर्षगांठ मनाने के लिए दुनिया भर के 70 देशों के नेता पेरिस में इकट्ठा हुए। लड़ाई में 1 करोड़ से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।

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रविवार को पेरिस में आर्क दे ट्रायंफ पर विश्व युद्ध की समाप्ति की 100 वीं वर्षगांठ मनाने के के लिए फ्रांस और जर्मनी के नेताओं के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और भारतीय उप राष्ट्रपति वेंकैय्या नायडू भी मौजूद थे।
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समारोह की शुरुआत 11 बजे उसी समय होनी थी जब सौ साल पहले मित्र राष्ट्रों और जर्मनी ने युद्ध विराम संधि पर दस्तखत किए थे, लेकिन कुछ नेताओं के देर से आने के कारण उसमें देरी हुई।

पेरिस के समारोह में इतने देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति इस विवाद की व्यापकता का परिणाम है जिसमें अनुमानतः 3.7 करोड़ लोगों और 1 करोड़ सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी।

पेरिस शहर भी इस युद्ध का एक प्रमुख लक्ष्य था लेकिन 1914 में मित्र सेनाओं ने पेरिस पर कब्जा करने के जर्मन प्रयासों को विफल कर दिया था। समारोह में बच्चों ने आठ भाषाओं में सैनिकों द्वारा लिखे गए पत्र पढ़े और फ्रांस में जन्मे चीनी अमेरिकी चेलिस्ट यो यो मा तथा अफ्रीकी गायक अंजेलिक कीजो का संगीत कार्यक्रम दिया।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने युद्ध खत्म होने की खुशी का वर्णन करते हुए युद्ध की विभीषिका और उसमें मारे गए और जख्मी हुए लाखों लोगों की याद की।

उन्होंने राष्ट्रवाद को देशभक्ति के साथ विश्वासघात बताया और राष्ट्रों के बीच दोस्ती और संवाद की अपील की ताकि शांतिपूर्ण भविष्य का निर्माण हो सके। उन्होंने कहा, “पुराने राक्षस फिर से सिर उठा रहे हैं। हमें अपने लोगों के सामने अपनी सच्ची और बड़ी जिम्मेदारी की पुष्टि करनी होगी।

पेरिस समारोह से पहले न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, भारत, हांग कांग, म्यांमार और दूसरे पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के समारोह हुए।

इन देशों ने ब्रिटेन की ओर से लड़ते हुए युद्ध में अपने दसियों हजार सैनिक खोए हैं। ये समारोह ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया भर में राष्ट्रवाद पैर पसार रहा है और अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी समारोह में हिस्सा लिया। लेकिन बहुत से लोग मानते हैं कि वे अपने राष्ट्रवादी रुख से पश्चिमी देशों के गठबंधन और संयुक्त राष्ट्र जैसी विश्व संस्थाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

ट्रंप पेरिस शांति फोरम में भाग नहीं लेंगे जो शांति और खुशहाली के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के महत्व पर जोर देने के लिए हो रही है। इसका उद्घाटन जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंटोनियो गुटेरेश कर रहे हैं।