तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा है कि इस्तांबुल में सऊदी कंसुलेट के अधिकारियों ने सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की साजिश कई दिन पहले रच ली थी। रविवार को सऊदी अरब ने माना कि पत्रकार की मौत कंसुलेट में हुई।
एर्दोगान ने अंकारा में सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि हत्या योजना बना कर की गई और इस बात के “पक्के सबूत” मौजूद हैं। एर्दोवान के मुताबिक सऊदी कंसुलेट के अधिकारी घटना से पहले पास के एक जंगल में गए, जहां सऊदी अरब से एक टीम एक दिन पहले ही आ चुकी थी। एर्दोवान ने इस मामले में 18 लोगों पर इस्तांबुल में मुकदमा चलाने की मांग की है। इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एर्दोवान का कहना है कि हत्या की “साजिश” कई दिन पहले सितंबर के महीने में ही बना ली गई थी जिसका “रोडमैप” इस्तांबुल में इस खास काम के लिए आई टीम ने तैयार किया था। एर्दोवान ने कहा कि वह इस मामले में अभी कई मुद्दों पर जवाब चाहते हैं।
इसमें यह शामिल है कि टीम को हत्या का “आदेश किसने दिया” और शव कहां है। तुर्क राष्ट्रपति ने सऊदी अरब से अनुरोध किया है कि वह उन लोगों के नाम बताए जिन्होंने सरकार के आलोचक पत्रकार की हत्या का आदेश दिया।
एर्दोवान ने पूछा है, “जमाल खशोगी का शव कहां है?” पहली बार एर्दोवान ने इस बात की भी पुष्टि की है कि इस मामले में बॉडी डबल का भी इस्तेमाल किया गया है।
खशोगी की हत्या कंसुलेट में 2 अक्टूबर को हुई लेकिन सऊदी अरब इससे इनकार करता रहा। आखिरकार अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के बाद 21 अक्टूबर को सऊदी विदेश मंत्री ने यह स्वीकार किया कि पत्रकार की मौत हो चुकी है।
हालांकि अभी भी हत्या की बात नहीं कबूली है और उनका कहना है कि खशोगी के साथ हाथापाई में उनकी मौत हुई। सऊदी सरकार का कहना है कि इस मामले में दर्जन भर लोगों से पूछताछ की जा रही है। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अब तक कहते आए हैं कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।