राहुल उपाध्याय की मौत की झूठी खबर फैला कर यूपी को दंगों में झोंकने की कोशिश की जा रही है!

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में भड़की हिंसा के दौरान हुई गोलीबारी में चंदन गुप्ता नाम के युवक की मौत के अलावा एक और नाम सोशल मीडिया पर आया। वह नाम था राहुल उपाध्याय का, जिसे लोग हिंसा में मरने वाला दूसरा युवक बता रहे थे। राहुल को पुलिस सामने लाई है।

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बता दें राहुल के सोशल मीडिया पर मरने की खबर फैलाई गई थी। कासगंज के आईजी संजीव गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वाले 4 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

सोशल मीडिया पर जहां यह चर्चा हो रही थी कि हिंसा के बाद घायल राहुल ने अलीगढ़ के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया, सच कुछ और है। राहुल उपाध्याय कासगंज से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित नगलागंज गांव के रहने वाले है। उसकी मौत की अफवाहों के बीच पुलिस ने भी सोमवार को उससे पूछताछ की।

राहुल ने अपने जिंदा होने की बात दोहराते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन जब कासगंज में हिंसा भड़की तो मैं नगलागंज में ही अपने घर पर था। राहुल के शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं हैं और वह बिल्कुल ठीक है। अलीगंज के अस्पताल में उसके भर्ती होने का दावा भी इसी बात से खारिज हो जाता है।

राहुल को कोतवाली कासगंज लाया गया जहां एडीजी जोन आगरा अजय आनंद और आईजी रेंज अलीगढ़ संजीव गुप्ता के साथ कई अफसरों ने भी उससे बात की।

राहुल ने बताया कि जिले में इंटरनेट बंद होने के चलते वह सामने आकर इस बात का खंडन नहीं कर पा रहा था कि उसकी मौत हो गई है।

राहुल के मुताबिक, इंटरनेट बंद होने के चलते उसे पता नहीं चला कि उसका नाम सोशल मीडिया पर तस्वीर के साथ वायरल किया जा रहा है।