VIDEO: सीरिया की जंग में आखिर अमेरिका को भी क्यों नहीं छोड़ना चाहता है तुर्की?

सीरिया के मजबिस में अमेरिकी और तुर्की की सेना आमने-सामने आ गई है। दरअसल तुर्की ने 5 दिन से उत्तरी सीरियाई इलाकों में रह रहे कुर्द लड़ाकों के सफाए का ऑपेशन चला रखा है। तुर्की सेना टैंक लेकर कुर्दों के अाफरीन शहर में घुस गई है।

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इस संघर्ष में करीब 300 लोग मारे गए हैं। अब तुर्की सेना मजबिस शहर की तरफ मूव कर गई है। यहां 2500 अमेरिकी सैनिक और रणनीतिकार कुर्दों को सैन्य ट्रेनिंग देते हैं और हथियार मुहैया कराते हैं।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तुर्की के राष्ट्रपति रीसेप तैयप एर्दोगन को वॉर्निंग तक डे डाली। व्हाइट हाउस के मुताबिक ट्रम्प ने कहा कि इस क्षेत्र में आप ऐसे हालात पैदा न करें कि अमेरिकी और तुर्की सेना आमने-सामने आ जाए।
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उधर तुर्की का आरोप है कि व्हाइट हाउस ने झूठ बोला। ट्रम्प ने वॉर रोकने की कोई बात नहीं की। एर्दोगन ने कहा कि हमारी सेना मजबिस शहर की ओर बढ़ गई है, हम कुर्दों को खदेड़ देंगे।
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बता दें कि ट्रम्प प्रेसिडेंट बनने के 1 साल के भीतर 14 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को धमका चुके हैं। कुर्द लड़ाकों द्वारा तुर्की पर किए गए मिसाइल हमले में मस्जिद को नुकसान पहुंचा, दो लोग मारे गए।

दरअसल तुर्की, कुर्द लड़ाकों को आतंकी मानता है। एर्दोगन का कहना है कि बीते कई दशकों से कुर्द लड़ाके तुर्की में अशांति फैला रहे हैं। उनके सताए सीरियाई लोगों ने भागकर हमारे यहां शरण ले रखी हैं।

सीरिया में कुर्द अमेरिका के सबसे बड़े सहयोगी हैं। इन्होंने सीरियाई प्रेसिडेंट बशर अल असद और आईएस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा
है। इसीलिए ट्रम्प ने तुर्की को चेतावनी दी है।

सीरियाई के अाफरीन को कुर्दों का शहर माना जाता है। यहां तुर्की के टैंक घुस चुके हैं। तुर्की चाहता है कि सीरिया से सटी उसकी सीमा पर कुर्द गुट सक्रिय न रहे।