सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह ने कहा है कि पुलवामा आतंकी हमले में बच जाने के बाद नई जिंदगी पाना तो ठीक है, लेकिन एक अपाहिज बच्चे को भोजन कराना वाकई में एक ‘संतोषजनक क्षण’ है। श्रीनगर की एक सड़क पर भूखे बच्चे को भोजन कराते हुए सिंह का एक वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
#WATCH CRPF Havaldar Iqbal Singh deployed in Srinagar feeds his lunch to a paralytic child. He has been awarded with DG's Disc & Commendation Certificate for his act; He was driving a vehicle in the CRPF convoy on Feb 14 at the time of Pulwama terrorist attack. (13th May) pic.twitter.com/WH0sPlB9Vr
— ANI (@ANI) May 14, 2019
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ की 49वीं बटालियन के 44 वर्षीय सिख सैनिक ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि किसने वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जिसे लेकर उनकी व्यापक तौर पर प्रशंसा हुई। वीडियो में देखा जा सकता है कि 49 बटालियन के ड्राइवर सीआरपीएफ के जवान इकबाल सिंह एक बंद दुकान के सामने सीढ़ियों पर बैठे एक छोटे लड़के को खाने खिला रहे हैं। सिंह श्रीनगर के नवाकदल में ड्यूटी पर थे।
Armed forces operating in Kashmir are often tarred with the same brush. But that generalisation can sometimes be grossly unfair. Salute this man’s sense of compassion & humanity. https://t.co/qou4Mk5NBj
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 13, 2019
सिंह सीआरपीएफ में बतौर ड्राइवर कार्यरत हैं। सिंह सीआरपीएफ के काफिले के 78 वाहनों में से एक के ड्राइवर थे, जिसपर पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावरों ने 14 फरवरी को हमला किया था। सिंह ने उस दौरान हमले में घायल हुए कई सैनिकों की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे।
31 सेकंड के वीडियो में सिंह श्रीनगर के पुराने शहरी इलाके में एक बंद दुकान के सामने सीढ़ियों पर बैठे एक बच्चे को भोजन करा रहे हैं, जो काले रंग की ड्रेस और गुलाबी रंग की चप्पल पहने है। वह बच्चे का मुंह धोते हैं और उसे पानी पिलाते हैं।
यह पता नहीं चल पाया है कि वीडियो किसने बनाया। ट्विटर पर इस क्लिप के साझा किए जाने के चंद घंटों के भीतर इसे हजारों की संख्या में लोगों ने देखा और 6,000 ये अधिक लोगों ने ट्वीट किया। जवान के ममत्व की राज्य में धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक विभाजन से ऊपर उठकर सभी लोगों ने प्रशंसा की।
वीडियो के वायरल होने के बाद जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक शीर्षक के साथ उसे रीट्वीट किया। शीर्षक था- ‘कश्मीर में तैनात सशस्त्र बलों को अक्सर एक जैसे नजरिए से देखा जाता है। लेकिन इस तरह का नजरिया कभी-कभी सरासर गलत साबित हो जाता है। इस व्यक्ति की दया और मानवता को सलाम।’
सिंह ने बताया, ‘मैं श्रीनगर के नवाकदाल इलाके में लगभग 12.30 बजे अपना लंच कर रहा था, तभी मैंने देखा कि लगभग 10 साल का बच्चा एक बंद दुकान की सीढ़ियों पर बैठा है और मुझसे खाना मांग रहा है। मैं उसके पास गया और उसे अपना लंच बॉक्स दे दिया।
जब मुझे पता चला कि उसका हाथ अपाहिज है और वह खुद से खा नहीं सकता, तो मुझे बहुत दुख हुआ। उसके बाद मैंने बच्चे की गोद में एक शीट रख दी और उसे चावल और चना दाल खिलाया।’
सिंह ने कहा, “यह सीआरपीएफ का बुनियादी प्रशिक्षण है कि हर किसी की मदद करो, चाहे वह कोई सीआरपीएफ जवान हो या कोई नागरिक। यह मानवता है। मैंने इसी सोच के कारण बच्चे को खाना खिलाया। मुझे नहीं पता कि वीडियो किसने बनाया।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने बच्चे के निवास और उसके नाम के बारे में उससे पूछा? सिंह ने कहा, ‘मुझे नहीं पता महोदय। मैंने उसे अपने वाहन के पास पाया। खाना खाने के बाद बच्चा कहीं चला गया। चूंकि वह ठीक से बोल नहीं पा रहा था, इसलिए मैंने उससे उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पूछा।’
साभार- ‘टाइम्स नाउ हिन्दी’