पत्रकार राणा अय्यूब की गुजरात दंगों पर स्टिंग ऑपरेशन को लेकर किताब ‘गुजरात फाइल्स- अनाटॉमी ऑफ ए कवर अप’ में दावा किया है कि कई अधिकारियों ने 2002 दंगों के समय राजनीतिक दबाव की बात मानी थी। शुक्रवार को नई दिल्ली में यह किताब जारी हुई।
अय्यूब ने कहा कि उन्होंने गांधीनगर स्थित बंगले पर मोदी का भी बयान रिकॉर्ड किया था। यह बयान घड़ी में कैमरा लगाकर रिकॉर्ड किया गया था।

राणा अय्यूब ने कहा कि सभी स्टिंग ऑपरेशन में अमित शाह साझा कड़ी थे। वे उस समय गुजरात के गृह मंत्री थे और अब भाजपा अध्यक्ष हैं। शाह को सोहराबुद्दीन मामले में जेल भी जाना पड़ा था। 2014 में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था।
राणा अय्यूब का आरोप है कि तहलका ने उन्हें इस असाइनमेंट के लिए भेजा था। लेकिन बाद में राजनीतिक दबाव का जिक्र करते हुए स्टोरी छापने से इनकार कर दिया।
उनका दावा है कि उन्होंने अशोक नारायण, जीएल सिंघल, पीसी पांडे, जीसी राईघर, राजन प्रियदर्शी और वाईए शेख का भी स्टिंग ऑपरेशन किया था। उन्होंने खुद की पहचान अमेरिका की रहने वाली फिल्ममेकर के रूप में कराई और मैथिली त्यागी नाम बताया।