VIDEO: रिवर्टेड मुस्लिम जर्नलिस्ट मरज़िया हाशेमी को अमेरिका में किया गया गिरफ़्तार, जेल में दी जा रही है यातनाएं!

अमरीकी प्रशासन ने गत रविवार को ईरान के प्रेस टीवी की एंकर परसन और डाक्युमेंट्री निर्माता मरज़िया हाशेमी को गिरफ़तार कर लिया और अब तक इस गिरफ़तारी का कोई कारण नहीं बताया गया। सवाल यह है कि अमरीकी प्रशासन ने ईरानी मीडिया और मरज़िया हाशेमी के ख़िलाफ़ कार्यवाही क्यों की?

खबरों की माने जो गिरफ्तार महिला पत्रकार को जेल में तरह तरह की यातनाएं दी जा रही है। उन्हें बिना किसी गुनाह के जेल में बंद कर दिया गया है। ईरान उनको छोड़ने के लिए लगातार अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
https://youtu.be/Ks4B3tURvgU
अमरीका में जिन लोगों को भी गिरफ़तार किया जाता है, उन पर आरोप चाहे जो भी हो, वह दो प्रमुख वर्गों में रखे जा सकते हैं। एक तो वह लोग हैं जो जिन्हें बताया जाता है कि उन पर क्या चार्ज लगाया गया है।

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इसके बाद उन पर मुक़द्दमा चलाया जाता है और दूसरे वह लोग हैं जिनके ख़िलाफ़ फ़ैसला पहले ही कर लिया जाता है और सज़ा निर्धारित कर दी जाती है जबकि उन्हें उन पर लगे चार्ज के बारे में नहीं बताया जाता। ग्वान्तानामो जेल में जिन लोगों को वर्षों तक क़ैद रखा गया वह इस श्रेणी में आते हैं।
https://youtu.be/1yM6q_zpcwg
ईरानी टीवी चैनल प्रेस टीवी के लिए काम करने वाली मरज़िया हाशेमी की गिरफ़तारी को देखा जाए तो वह इसी दूसरी श्रेणी से संबंधित दिखाई देती है। वैसे यह चीज़ अनपेक्षित भी नहीं थी।
https://youtu.be/g2tmVw6dbgM
मरज़िया हाशेमी एक तो अमरीकी मूल की हैं फिर वह श्वेत नहीं हैं और अमरीका में अश्वेत होना ही अपने आप में एक गुनाह है। अश्वेतों को अकारण निशाना बनाया जाता है।

इसके अलावा अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प की ओर से जमाल ख़ाशुक़जी के हत्यारों के समर्थन को सारी दुनिया देख रही है। मरज़िया हाशेमी के साथ जो कुछ किया जा रहा है उसे देखकर जमाल ख़ाशुक़जी की घटना याद आती है। बस इस बार रूप अलग नज़र आ रहा है।

क्या एसा तो नहीं है कि अमरीका चाहता है कि ईरान में पकड़े गए जासूसों की रिहाई के बदले मरज़िया हाशेमी की रिहाई का प्रस्ताव रखे?
यह एसा सवाल है जिसका जवाब आने वाले समय में मिल सकता है।

साभार- ‘parstoday.com’