इन दिनों विश्व हिन्दू परिषद को लेकर एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर रन कर रहा है। इस वीडियो में उस समय के इनकम टैक्स विभाग का डिप्टी कमिश्नर ने विश्व हिन्दू परिषद के विदेशी फंडिंग को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
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उन्होंने कहा कि मैंने विहिप के एकाउंट्स के बारे में जानने के लिए विहिप को समन जारी किया था, ताकि उसके चंदे के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकूं। उस समय अशोक सिंघल विहिप के अध्यक्ष थे। उसके बाद 24 घंटे के अंदर मेरा तबादला करा दिया गया। उस समय की जो सरकार थी उन्होंने इस पूरी इन्क्वायरी को दबा दिया। उसके बाद मुझे सस्पेंड कर दिया गया।
अधिकारी कह रहे हैं कि मैंने दो चीजों को जानने की कोशिश की थी कि क्या विहिप के अकाउंट में बाहर से पैसे आया या नहीं, क्योंकि विहिप ने आरबीआई को कहा था कि हमें बाहर से पैसे लेने की इजाजत दी जाए।
क्योंकि मेरे विदेश में बहुत सारी शाखाएं हैं जो मंदिर के लिए पैसा भेजना चाहते हैं, लेकिन आरबीआई ने इजाजत नहीं दी। क्योंकि ऐसे संगठन जो देश में तोड़फोड़ कर रहे हों या राजनीतिक लाभ पाना चाहते हों उसे विदेश से पैसे लेने की इजाजत नहीं दी जाती।