ज़मीन की सतह से 3000 फुट नीचे की गहराई पर क़रीब एक हज़ार साल से आबाद एक गांव 

एरिज़ोना : अमरीका की मशहूर ग्रैंड कैनियन को देखने के लिए दुनिया भर से क़रीब 55 लाख लोग एरिज़ोना जाते हैं. मगर इसी में से एक गहरी खाई हवासू कैनियन के पास ‘सुपाई’ नाम का एक बहुत पुराना गांव बसा है. यहां की कुल आबादी 208 है. हवासुपाई का अर्थ है नीले और हरे पानी वाले लोग. यहां के लोग गांव के पानी को पवित्र मानते हैं. मान्यता है कि यहां निकलने वाले फ़िरोज़ी पानी से ही इस जनजाति का जन्म हुआ है. यहां के लोग आज भी हवासुपाई भाषा बोलते हैं, सेम की फली और मकई की खेती करते हैं. रोज़गार के लिए लच्छेदार टोकरियां बुनते हैं और शहरों में बेचते हैं. टोकरियां बनाना यहां का पारंपरिक व्यवसाय है.

बीसवीं सदी तक इस गांव के लोगों ने बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा रखी थी, लेकिन आमदनी बढ़ाने के लिए उन्होंने क़रीब सौ साल पहले अपने गांव के दरवाज़े बाहरी दुनिया के लिए खोल दिए. यहां तक पहुंचने के लिए सभी सैलानियों को हवासुपाई की ट्राइबल काउंसिल की इजाज़त लेनी पड़ती है. फ़रवरी महीने से नवंबर तक सैलानी यहां के लोगों के साथ उनके घरों में रह सकते हैं. चांदनी रात में झरनों से गिरते पानी की आवाज़ के साथ गांव की ख़ूबसूरती का मज़ा ले सकते हैं.

हवासुपाई ट्राइबल काउंसिल ने ऐसे साईसों की टीम बना दी है, जो कारोबार में इस्तेमाल होने वाले सभी जानवरों की देखभाल करते हैं. ये 1 से 10 नंबर के पैमाने पर जानवरों को सेहत का सर्टिफ़िकेट देते हैं.

ये गांव ज़मीन की सतह पर नहीं बल्कि ग्रैंड कैनियन के भीतर क़रीब तीन हज़ार फ़ुट की गहराई पर बसा है. गहरी खाई में छुपा ये गांव क़रीब एक हज़ार साल से आबाद है. यहां पर अमरीका के मूल निवासी रेड इंडियन रहते हैं. यहां पोस्ट ऑफिस है, कैफ़े हैं, दो चर्च हैं, लॉज हैं, प्राइमरी स्कूल हैं, किराने की दुकानें हैं.

यूरोपीय लोगों के अमरीका आकर बसने से पहले हवासुपाई का रक़बा लगभग 16 लाख एकड़ था, लेकिन इस इलाक़े के क़ुदरती ज़ख़ीरे पर जब सरकार और सरहदी लोगों की नज़र पड़ी तो उन्होंने यहां कब्ज़ा करना शुरू कर दिया. व्यापारियों ने यहां रहने वाली बहुत-सी जनजातियों को जबरन उखाड़ फेंका. इनके हक़ लिए हवासुपाई के आदिवासियों ने लंबी लड़ाई लड़ी है. 1919 में अमरीका के राष्ट्रपति थियोडोर रूज़वेल्ट ने ग्रैंड कैनियन को नेशनल पार्क सर्विस का हिस्सा बनाया. सरकारी योजना के तहत यहां के बहुत से लोगों को रोज़गार मिला. लेकिन इसके बावजूद अपनी ज़मीन के लिए इनकी लड़ाई जारी रही.

1975 में राष्ट्रपति जेराल्ड फ़ोर्ड ने क़रार के तहत 1,85,000 एकड़ ज़मीन का कंट्रोल हवासुपाई के लोगों को दे दिया. आज यहां के लोग सिर्फ़ कैनियन तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यहां के जंगलों में शिकार करने का हक भी इन्हें मिल गया है.

आज हवासुपाई की पहचान एक ख़ुदमुख़्तार सूबे के तौर पर है. यहां के लोग अपनी सरकार खुद चलाते हैं. ट्राइबल काउंसिल का चुनाव गांव के लोग करते हैं और अपने क़ानून ख़ुद बनाते हैं.