भाजपा शासित झारखंड में गोरक्षकों ने की हिंसा, DSP समेत 7 पुलिसकर्मी घायल, दो पत्रकार भी पिटे

 

भाजपा शासित राज्य झारखंड के गिरीडीह ज़िले में गोरक्षकों की हिंसा के बाद से तनाव है। गोरक्षक की ओर से की गई मारपीट में एक दर्जन से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हो गए जिनमें 7 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सोमवार को ज़्यादातर संवेदनशील इलाक़ों की दुकानें बंद रहीं और मंगलवार को भी हालात सामान्य नहीं हो सके।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस विवाद की शुरुआत शनिवार रात को हुई। गाय-गोरू से लदे हुए तीन ट्रक बिहार से बंगाल जा रहे थे। शनिवार रात तीनों ट्रक बेनागढ़-माधोपुर रोड से गुज़र रहे थे जिसकी ख़बर गोरक्षकों को लग गई. गोरक्षकों ने आरोप लगाया कि गायों को तस्करी करके ले जाया जा रहा था। फिर ट्रक वहीं रोक लिया गया और रविवार की सुबह स्थानीय लोगों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

गिरिडीह के एसपी एबी वारेर ने कहा है कि यह साफ़तौर पर गुंडागर्दी है। शुरुआती तफ़्तीश में जानवरों की तस्करी का कोई सुबूत नहीं मिला है। बावजूद इसके गोरक्षकों ने इसे दूसरा रंग देने की कोशिश की और हिंसा की।

रविवार की सुबह जब गोरक्षकों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सड़क जाम किया तो गिरिडीह के डीएसपी मनीष टोप्पो और एसडीएम नमिता कुमारी पूरे दलबल के साथ मौक़े पर पहुंच गईं। मगर यहां भीड़ ने अफसरों की सुनने की बजाय उनपर हमला कर दिया। इसमें डीएसपी समेत सात पुलिसकर्मियों पत्थरबाज़ी में घायल हुए। इस हिंसा के बाद पूरा बाज़ार बंद हो गया और बेनागढ़-माधोपुर सड़क पर ट्रैफिक भी छह घंटे तक बंद रहा।

इस हिंसा में दो पत्रकार भी घायल हुए हैं जो मौक़े पर पहुंचकर इसे कवर करने की कोशिश कर रहे थे। वहीं हिंसक भीड़ ने एक फोटो जर्नलिस्ट का कैमरा छीनकर तोड़ दिया।

दरअसल शनिवार रात ट्रक रोके जाने के बाद बेनागढ़ बाज़ार में यह अफ़वाह फैलाई गई थी कि ट्रक में जानवरों को ठूंसकर ले जाने से कुछ गायों की मौत हो गई है। इसके बाद रविवार सुबह बाज़ार में भीड़ जमा होने लगी और सड़क पर टायर जलाना शुरू कर दिया।

मौक़े पर पहुंचे डीएसपी मनीष टोप्पो और एसडीएम नमिता कुमार ने कहा कि वो चाहें तो पशुओं को स्थानीय गोशाला में ले जा सकते हैं लेकिन हंगामा करने वालों ने एक नहीं सुनी।

इसके बाद जब पुलिस ने भीड़ को हटाने की कोशिश की तो लोग हिंसक हो गए और उन्होंने पशुओं से लदे ट्रक में बुरी तरह तोड़फोड़ की। हिंसक भीड़ ने मौक़े पर पहुंचे विधायक की गाड़ी पर भी हमला किया।

वहीं चश्मदीदों का कहना है कि पुलिसवालों ने हवा में गोली चलाकर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की लेकिन डीएसपी ने ऐसी किसी भी फायरिंग से इनकार किया है।