नई दिल्ली: धर्म के नाम पर हिंसा को अंजाम देने वालों के खिलाफ आवाज़ ऊँचा करने वाले अध्यक्ष जमीअत उलेमा ए हिन्द और दारुल उलूम देवबंद के हदीस के शिक्षक मौलाना अरशद मदनी अपने 12 दिवसीय विदेशी दौरे पर रवाना हो गए हैं, जहाँ वह उसी विषय पर दुनियां को ख़िताब करेंगे।
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यहाँ रवाना होने से पहले इंकलाब ब्योरो से खास बातचीत करते हुए मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि धर्म के नाम पर राजनीति हो या हिंसा यह बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा कि धर्म दिलों का जोड़ने का नाम है और जो लोग भारत में ही नहीं दुनियां में कहीं भी धर्म के नाम पर हिंसा बरपा करते हैं उसके खिलाफ आवाज़ बुलंद होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत में भी जहाँ कहीं इस तरह के घटना पेश आते हैं हम उसके खिलाफ आवाज़ उठाते हैं और राष्ट्रीय एकता का पैगाम देते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा कहना है कि नफरत का जवाब नफरत नहीं हो सकता और आग को आग से नहीं बुझाया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर हमें देश को विकास के रस्ते पर ले जाना है तो फिर उसके लिए नफरत नहीं बल्कि प्यार व मोहब्बत को बढ़ावा देना होगा।
उन्होंने कहा कि जो पैगाम हमारा भारतियों के लिए वही पैगाम हमारा पूरी दुनियां के लोगों के लिए है कि इंसान एक दुसरे का सम्मान करे और नफरत की जगह प्यार व मोहब्बत को बढ़ावा दे।