‘शिव’ राज में व्यापमं घोटाले से जुड़े एक और शख्स ने की ख़ुदकुशी

भोपाल। देश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपी प्रवीण यादव ने फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली है। प्रवीण मध्य प्रदेश के मुरैना जिले का रहने वाला था। प्रवीण 2008-09 में पीएमटी में सिलेक्ट हुआ था। 2012 में एसटीएफ ने उसे इस घोटाले में आरोपी बनाया था।

फिलहाल ख़ुदकिशी की वजह साफ़ नहीं है, लेकिन प्रवीण के परिजनों का आरोप है कि केस को लेकर लगातार पूछताछ से प्रवीण मानसिक रूप से काफी परेशान था। पिछले दो-तीन दिनों से वह काफी खामोश था। कोई रोजगार और व्यवसाय का साधन नहीं होने की वजह से वह डिप्रेशन में था। 

प्रवीण के एक रिश्तेदार मुकेश ने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ने में तेज था। पढ़ाई के दम पर ही उसका सिलेक्शन हुआ था। उसे कॉलेज और व्यापमं से जुड़े लोगों ने झूठा फंसाया था।

बता दें कि व्यापमं घोटाला देश के शिक्षा जगत का सबसे बड़ा घोटाला है। इस घोटाले में 50 से ऊपर एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, और दर्जनों लोगों की जानें भी जा चुकी हैं। इसी व्यापमं की जद में मध्य प्रदेश के कई बड़े नेता, यहां तक कि एमपी के राज्यपाल रहे रामनरेश यादव का भी नाम आया था। इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) कर रही है।

मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) राज्य की एक सरकारी ऑटोनॉमस संस्था है। इसका गठन 70 के दशक में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए परीक्षाएं आयोजित करने के लिए किया गया था। 

कब हुआव्यापमं घोटाले का खुलासा

व्यापमं घोटाले का खुलासा 2013 में तब हुआ, जब पुलिस ने एमबीबीएस की भर्ती परीक्षा में बैठे कुछ फर्जी छात्रों को अरेस्ट किया, ये छात्र दूसरे छात्रों के नाम पर परीक्षा दे रहे थे। छात्रों से पूछताछ के दौरान डॉ. जगदीश सागर का नाम सामने आया। जगदीश सागर पर आरोप है कि वह पैसे लेकर फर्जी तरीके से मेडिकल कॉलेजों में छात्रों का प्रवेश करवाता था।