‘वक्फ की संपत्ति मुसलमानों की मिल्कियत, पूर्वजों ने इनके लिए वक्फ किया है’

मुंबई। वक्फ संपत्ति मुसलमानों की अपनी मिल्कियत है और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हीं की है। यह संपत्ति आम मुसलमानों के कल्याण के लिए उनके पूर्वजों ने वक्फ की थीं। अगर इससे मुसलमान पर्याप्त लाभ नहीं उठाते हैं तो उन्ही का नुकसान होगा। जिसको उनकी आने वाली आगामी पीढ़ियां कभी माफ नहीं करेगी।

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इन ख़्यालात का इज़हार शनिवार को वक्फ आंदोलन की ओर से दीवाने आम हॉल, इस्लाम जिमखाना में आयोजित स्वागत समारोह में राज्य अल्पसंख्यक मंत्री के प्रधान सचिव श्याम तयागड़े ने किया। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ अधिनियम 1995 के तहत हर दस साल में देश में मौजूद वक्फ संपत्ति का सर्वेक्षण किया जाना ज़रूरी है। इसके तहत महाराष्ट्र सरकार ने वक्फ संपत्ति का दूसरा सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है और पायलट परियोजना के रूप में निगरानी और अग्रणी सर्वेक्षण किया जा रहा है।

सरकारी प्रतिनिधि अपना काम करेंगे, लेकिन जब स्थानीय मुस्लिम और उनके सामाजिक संगठन इसके साथ सहयोग नहीं करेंगे, तो सर्वेक्षण पूरा नहीं होगा। उन्होंने वक्फ आंदोलन के नेता शब्बीर अहमद अंसारी की वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के प्रति जागरूकता और तड़प को सराहते हुए कहा कि शब्बीर अहमद अंसारी एकमात्र वह व्यक्ति है जो हमारे पास बार बार वक्फ बोर्ड और वक्फ सर्वेक्षण के संबंध में जानकारी हासिल करने और मशवरा देने के लिए आते हैं। इनके इलावा मुसलमानों में कोई व्यक्ति या संगठन नहीं है जो जो वक्फ संपत्ति के लिए काम कर रही हो।