हम क़ुरआन और हदीस से बाहर जाकर किसी मामले में फैसला नहीं ले सकते- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को लॉ कमीशन के चेयरमैन जस्टिस बीएस चौहान से मुलाकात की। इसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई। मुलाकात में बोर्ड ने लॉ कमीशन के चार सवालों का जवाब दिया है।

इसमें उसका कहना है कि देश में निकाह हलाला को खत्‍म नहीं किया जा सकता है। वहीं बोर्ड ने गोद लेने और प्रोपर्टी बंटवारे जैसे मामलों को लेकर बोर्ड ने लॉ कॉमीशन के सामने अपनी बात रखी। बोर्ड मामले में दोपहर तीन बजे प्रेस कांफ्रेंस कर सकता है।

बता दें कि कुछ महीने पहले लॉ कॉमीशन ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से कुछ मामलों में राय मांगी थी. बोर्ड ने मंगलवार को अपने जवाब में कहा कि गोद लेने वाले बच्चे को लेकर इस्लाम में जो कहा गया है, उसे मानेंगे।

इस्लाम में हर मामले की व्याख्या विस्तार से की गई है। हम कुरआन और हदीस से बाहर जाकर किसी मामले में फैसला नहीं ले सकते। बोर्ड के सदस्‍य डॉक्टर काशिम रसूल इलियास ने मुलाकात के बाद बयान दिया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को देश में लागू नहीं किया जा सकता है।

बोर्ड ने उठाए गए सवालों का जवाब लिखित में दिया है। उसने चार सवालों का जवाब दिया है। बोर्ड ने मॉडल निकाहनामा समाज सुधार के लिए लाने को कहा है। उसने कहा है कि निकाह हलाला को खत्म नहीं किया जा सकता है।