फिलिस्तीन के नेता महमूद अब्बास ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रम्प को यह कहने पर शर्मिंदा होना चाहिए कि फिलिस्तीनियों ने शांति वार्ता को ख़ारिज कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति की फिलिस्तीन से संबंधित योजना को रद्द करते हुए अब्बास ने फिलिस्तीनी सेंट्रल काउंसिल से ख़िताब में कहा है कि वह अमेरिका को शांति के मध्यस्थ के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे।
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उन्होंने कहा कि अगर मामला हमारे भविष्य और हमारे जनता से संबंधित हों तो हम किसी को भी इंकार कर सकते हैं और हम ट्रम्प को इंकार कर रहे हैं। हम ने उन्हें बता दिया है कि “शताब्दी का अनुबंध” दरअसल “शताब्दी का तमांचा” है। लेकिन वहम भी जवाब में तमांचा मारेंगे।
महमूद अब्बास ने अमेरिका के नेतृत्व में शांति स्थापना के बजाय अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता में इस कार्य को आगे बढ़ाने की मांग की। राष्ट्रपति ट्रम्प तो उत्तर से मध्य पूर्व के शांति अनुबंध को ‘शताब्दी का अनुबंध’ क़रार देते आए हैं। लेकिन उनकी प्रशासन की ओर से एक लंबे समय से निलंबित वार्ता को बहाल करने की कोशिश अबतक कामियाब न हो सकी है।जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी थी कि अगर फिलिस्तीन शांति वार्ता से अलग होता है तो वह फिलितिनियों के लिए दी जाने वाली सहायता बंद कर देंगे।