बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में शौचालय निर्माण में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार ने शौचालय बनवाने पर पैसे देने का वादा किया था, लेकिन वादे के मुताबिक पैसे नहीं मिले।
इसी बात से नाराज़ जिले के नौतन प्रखंड रेखा सुंदर पट्टी गांव में ग्रामीणों ने अपने-अपने शौचालय तोड़ दिये। ग्रामीणों ने बताया कि करीब नौ महीने पहले उन्होंने कर्ज लेकर अपना शौचालय बनवाया था। उस समय अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि एक माह बाद ही खाते में शौचालय मद के 12,000 रुपये आ जायेंगे, लेकिन नौ माह बाद भी अब तक पैसे नहीं मिले। जिससे नाराज़ लोगों ने अपने-अपने शौचालय तोड़ दिए।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वह कई बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर भी काट चुके हैं।लेकिन चक्कर काटने के बाद भी उनके हाथ कुछ नहीं लगा। ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों ने शौचालय बनवाने के लिए दुकानदारों से उधार में सामान लिए थे। लेकिन सरकार की ओर से पैसा न मिलने की वजह से वह अभी तक कर्ज़दार हैं और दुकानदारों ने उन्हें परेशान करना शुरु कर दिया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल और घर-घर शौचालय योजना की शुरुआत पिछले साल इसी गांव से की थी। लेकिन उनकी इस योजना ने एक साल में ही दम तोड़ दिया। हालत यह है कि नीतीश सरकार से नाराज़ ग्रामीणों ने खुद ही इस योजना का अंतिम संस्कार कर दिया।