पश्चिम बंगाल में 27 फीसदी मुस्लिम के बगैर बीजेपी कभी जीत नहीं सकती, इसलिए यहां मुसलमान अच्छे लग रहे हैं!

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पिछले एक महीने में सियासत का अलग रंग देखने को मिला है। ममता बनर्जी की पार्टी तेजी से ङ्क्षहदू मतदाताओं को करीब लाने में जुटी है। बीरभूम में पश्चिम बंगाल के सभी बड़े पंडितों का सम्मेलन बुलाया गया और इसे ब्राह्मण सम्मेलन का नाम दिया गया।

इसके बाद ममता ने खुद गंगासागर मेले की तैयारी में पूरी जान लगा दी। अब भाजपा वहां मुस्लिम सम्मेलन कर रही है। तीन तलाक का बिल लोकसभा में पास करवाने को भाजपा अपनी विजय बता रही है और इसे जश्न के मौके का नाम देकर कोलकाता में सिर्फ मुस्लिम समाज के लोगों को मीटिंग में बुलाया गया है।

इस मौके पर भाजपा की स्टार होंगी इशरत जिन्होंने तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। वह कुछ दिन पहले ही भाजपा महिला मोर्चा की सदस्य बनी हैं।

भाजपा के सूत्रों से सुनी बात को मानें तो भाजपा के लिए किसी भी अन्य राज्य से ज्यादा कठिन पश्चिम बंगाल का चुनाव जीतना है।

यह एक ऐसा राज्य है जहां 26 फीसदी मुस्लिम आबादी है, ऐसे में यहां भाजपा तभी ममता बनर्जी को हरा सकती है जब ङ्क्षहदुओं के अलावा उसे मुस्लिम वोट भी ठीक-ठाक संख्या में मिलें।