क्या भगवा कार्यकर्ताओं के पीछे फंस गया पंजाब?

पिछले साल सिख संप्रदाय के नामधारी चंद कौर को लुधियाना के पास भिड़नी के पास गाँव में पंथ मुख्यालय परिसर के अन्दर गोली मार के जान ले ली गयी थी| जिसके बाद इस मामले में कोई कार्यवाई नहीं हुई यह केस अनसुलझा ही रह गया| लेकिन अभी कुछ हफ्ते पहले एक स्थानीय शिवसेना नेता दुर्गा प्रसाद गुप्ता को खन्ना में गोली मार दी गयी|  इस हत्या के बाद अखिल भारतीय मानवाधिकार संगठन के सदस्यों ने लुधियाना में पादरी सुल्तान मसीह की नेतृत्व में हत्या के खिलाफ मोमबत्ती जलाकर शांति मार्च निकाला था| पिछले कुछ सालों में पंजाब में कई हत्याएं हुई हैं जिनका केस आज तक अनसुलझी हुई पहेली की तरह रही| जिसमे पंजाब के आरएसएस के नामित कार्यकर्ता भी शामिल हैं जिनकी हत्या कर दी गयी| साथ ही धार्मिक राजनीतिक नेता भी शामिल हैं|

हालाँकि पुलिस ने इस सभी मामले में नामधारी की हत्या के केस को ख़त्म कर दिया है पुलिस का कहना है की यह सम्प्रदाय की तरफ से उत्तराधिकारी की लड़ाई का मामला था| इसके अलावा एक अन्य केस में आरआईएस नेता रविंदर गोसाई के हत्या के मामले को एनआईए को हस्तांतरित किया गया था| इन सभी मामलो में दुर्भाग्य वश पुलिस किसी भी हमलावर को पकड़ने में असफल रही| बल्कि उन्होंने उन्हें कट्टरपंथी सिख या खलिस्तानी अलगाववादी संगठनों को जोड़ने के का काम किया| इसके अलावा जो इन सभी लक्षित वर्गों के साथ आरएसएस, डेरा, नामधारी संप्रदाय और ईसाई समूहों ने कथित तौर पर सिख धर्म की लागत पर अपने धर्म का प्रसार किया।  गोसाईं हत्याकांड राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया है जो आमतौर पर आतंकवादी घटनाओं की जांच करता है, जबकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पहले ही नामधारी संप्रदाय की हत्या और गगनने की हत्या की जांच कर रहा है।

हालाँकि इन मामलों में कार्यवाई करने के लिए कांग्रेस के पास विकल्प था कि वह केस को एनआईए को स्थानांतरित कर दें| साल के शुरुआत में ही कांग्रेस के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को इन सभी मामलो से अवगत कराया गया था जिसका आज वह सामना कर रहे हैं| जिसमें कहा गया था कि इन मामलों में पुलिस पूरी तरह असफल रही है|  इस पर भाजपा के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने कहा कि इन हमलावर का आतंक जारी है। स्थिति खराब से भी बदतर हो रही है और यह एक गंभीर चिंता का विषय है कि हमारे पुलिस अनजान हैं। यह राज्य के सभी निवासियों के लिए एक बड़ा खतरा है| मुख्यमंत्री ने गोसाईं मामले को एनआईए को सौंपने के पीछे “अंतर्राष्ट्रीय असर” का हवाला दिया है|

हालाँकि इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नाम नहीं देना है।नाम न छापने की शर्त पर लुधियाना में पुलिस अधिकारी भी गोसाईं के हत्यारे के लिए इस्तेमाल की गई बाइक की वसूली कहीं भी आगे नहीं बढ़ी। यह चोरी हो गया था और यहां तक ​​कि चोरी की सूचना भी दी गई थी और पुलिस को दो पुलिस कर्मियों को उस चोरी की प्राथमिकी में कार्रवाई नहीं करने के लिए निलंबित करना पड़ा था| आरएसएस ने अपने कार्यकर्ता गोसाईन के मौत पर कहा कि  हमें बताया गया है कि हम मीडिया से अलग-अलग नहीं बोलें। “लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि केंद्र में सत्ता में नए (बीजेपी) नेतृत्व वाले शासन के कारण कुछ समूहों में आतंक है। आरएसएस के प्रंथ कार्यकर्ता विनय शर्मा ने कहा कि मकसद स्पष्ट है ऐसे लोग हैं जो पंजाब को शांतिपूर्ण और प्रगतिशील नहीं देखना चाहते हैं, और हमारे श्रमिकों और नेताओं को मारकर वे सिर्फ सांप्रदायिक तनाव पैदा करना चाहते हैं। ये लक्षित और प्रतीकात्मक हत्याएं हैं, जिससे कि एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है| पंजाब फिर से एक परेशान राज्य बन रहा है|

ऐसा मना जाता है की पंजाब में सिख धर्म के लिए ख़तरा धीरे धीरे बढ़ने लगा है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा ताजा समारोह में यह भावना प्रकट हुई थी और 10 वीं सिख गुरु गोबिंद सिंह की 350 वीं जयंती के अवसर पर दिल्ली में एक समारोह का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भाग लिया था।यह कट्टरपंथी समूहों के दबाव के बाद सिख अस्थायी सीट अकाल तख्त द्वारा घोषित किया गया था जो कि आरएसएस को सिख धर्म को “हिंदू धर्म में प्रवेश करना” और उसके संस्थानों में प्रवेश करना चाहता है।