क्यों दी जाती है नमाज़ से पहले अज़ान?

सिंगर सोनू निगम ने अज़ान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर सवाल उठाए थे, इसके बाद पूरे देश में इस पर बहस छिड़ गई कि क्या धार्मिक कार्यों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए या नहीं।
सोनू निगम ने ट्वीट किया था, ‘मैं मुस्लिम नहीं हूं फिर मुझे सुबह अजान के साथ क्यों उठना पड़ता है। यह धार्मिक गुंदागर्दी कब बंद होगी?’ इस ट्वीट के बाद लोग दो धड़ों में बंट गए एक धड़ा सोनू निगम का समर्थन कर रहा है तो दूसरा विरोध।

सवाल अज़ान पर उठे हैं तो ये जानना भी ज़रूरी है कि आख़िर अज़ान है क्या ? अज़ान क्यों दी जाती है ? और अज़ान दिन में कितने वक्त दी जाती है ? अज़ान के मायने समझने भी ज़रूरी हैं।

इस्लाम धर्म में नमाज़ पढ़ने से पहले अज़ान दी जाती है। अज़ान का मतलब होता है बुलाना। दिन में पांच बार नमाज़ पढ़ी जाती है और पांचों बार ही अज़ान दी जाती है। अज़ान के जरिए लोगों को नमाज़ के लिए बुलाया जाता है । इसके साथ ही लोगों को इत्तिला की जाती है कि नमाज़ का वक्त हो गया है और आप सभी काम छोड़कर नमाज़ पढ़ें।
नसीम गाजी द्वारा लिखित पुस्तक ‘अज़ान और नमाज़ क्या है?’ में बताया गया है कि अज़ान देने वाले शख्स को ‘मुअज्जि़न’ कहा जाता है। वह बुलन्द आवाज से ख़ुदा का वास्ता देकर लोगों को नमाज़ की न्योता देता है।
अब आप पढ़िए अज़ान के बोल

‘अल्लाहु अकबर। अल्लाहु अकबर।
अश्हदु अल्ला इला-ह इल्लल्लाह, अशहदु अल्ला इला-ह इल्लल्लाह
अश्हदु अन-न मुहम्मदर्रसूलुल्लाह। अश्हदु अन-न मुहम्मदर्रसूलुल्लाह।
हय-य अलस्सलाह। हय-य अलस्सलाह।
हय-य अलल फलाह। हय-य अलल फलाह।
अल्लाहु अकबर। अल्लाहु अकबर।
ला इला-ह इल्लल्लाह
असिस्लातु खैरुम्मिनन्नौम, अस्सलातु खैरुम्मिन्नौस।’

इसका हिंदी के मायने होते हैं
”अल्लाह ही महान है।अल्लाह ही महान है।”
”मैं साक्षी हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं है। मैं साक्षी हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही है। ”
”मैं साक्षी हूं कि मुहम्मद खुदा के पैगंबर हैं।”
”मैं साक्षी हूं कि मुहम्मद ख़ुदा के पैगंबर है।
”आओ नमाज की ओर। आओ नमाज की ओर ।
आओ सफलता एंव कल्याण की ओर। आओ सफलता एंव कल्याण की ओर। ”
”अल्लाह ही महान है।अल्लाह ही महान है।”
“अल्लाह के सिवा कोई माबूद है। ”
फ़ज्र की नमाज़ के लिए जो अजान दी जाती है। उसमें ये बोल शामिल किए जाते हैं:
”नमाज नींद से उत्तम है। नमाज नींद से उत्तम है ”