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लाल किले से दिए भाषण में PM मोदी ने नोटबंदी के बताए गलत आंकड़े

15 अगस्त के दिन लालकिले से पीएम नरेंद्र मोदी ने तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। पीएम के भाषण को लेकर बहुत लोगों ने कहाकि ये लोकसभा चुनाव के प्रचार की तैयारी है। हालांकि जब पीएम की द्वारा पेश किए गए आंकड़ों की आई तो उसकी पड़ताल की गई ।

द स्क्रॉल ने अपनी खास रिपोर्ट में लाल किले से पीएम मोदी के दिए आंकड़ों को आधिकारिक आंकड़ो के बरबार परखा है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कालाधन, नोटबंदी और रोजगार तैयार करने से जुड़े आंकड़े दिए।

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने दावा किया कि उनकी सरकार बनने के बाद उन्होंने सबसे पहला कम एसआईटी (विशेष जांच दल) बनाने का किया। पीएम ने कहा कि तीन साल बाद उन्हें देशवासियों को ये बताते हुए गर्व हो रहा है कि 1.25 लाख करोड़ का कालाधन जब्त किया जा चुका है। पीएम ने ये भी कहा कि दोषियों को सजा भी दिलायी जाएगी।

स्क्रॉल की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने पिछले तीन साल में इससे ज्यादा रकम बरामद की है लेकिन ये सारी रकम सरकार को नहीं मिलेगी। ज्यादा संभावना इस बात की है कि दोषियों पर टैक्स पेनाल्टी लगायी जाएगी। लोक सभा में सरकार ने बताया था कि 2016 तक आयकर विभाग ने कुल 1.35 लाख करोड़ रुपये की अघोषित आय बरामद की है।

पीएम मोदी ने नवंबर 2016 में लागू की गई नोटबंदी का भी अपने भाषण में जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि बाहरी विशेषज्ञों के अनुसार नोटबंदी से करीब तीन लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में आए।

पीएम ने बताया कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई 1.75 लाख करोड़ रुपये की राशि जांच के दायरे में है। मोदी के अनुसार करीब दो लाख करोड़ रुपये का कालाधन बैंकों में हुआ। पीएम मोदी के इन दावों का स्रोत भी अस्पष्ट है। ये भी साफ नहीं है कि अगर दो लाख करोड़ रुपये कालाधन जमा हुआ तो केवल 1.75 लाख करोड़ की ही जांच क्यों हो रही है।

लेकिन तीन लाख करोड़ रुपये अघोषित राशि के बैंकों में जमा होने के दावे पर भी स्क्रॉल ने सवाल खड़े किए हैं।

रिपोर्ट में समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। पीटीआई ने इस साल की शुरुआत में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा था कि नोटबंदी के बाद 3-4 लाख करोड़ रुपये अघोषित राशि सामने आई है।

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार “अतिरिक्त जमा” ( न कि अघोषित आय) 2.7 लाख करोड़ रुपये से 4.3 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है।

पीएम मोदी ने दावा किया कि नोटबंदी के बाद डाटा माइनिंग करके तीन लाख जाली कंपनियों का पता लगाया गया। ये कंपनियां हवाला का कारोबार करती थीं। पीएम ने कहा कि सरकार ने इनमें से 1.75 लाख जाली कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया है।

लेकिन स्क्रॉल की रिपोर्ट के मुताबिककॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने इसी साल 12 जुलाई को लोक सभा में बताया था कि मंत्रालय ने 1.62,618 कंपनियों को कंपनीज एक्ट 2013 की धारा 248 के तहत कंपनी रजिस्ट्रार से हटा दिया है।

मंत्रालय ने अपने जवाब में इन कंपनियों को हटाने के लिए नोटबंदी के बाद की गई डाटा माइनिंग को वजह नहीं बताया था। लोक सभा में ही केंद्र सरकार ने बताया था कि आयकर विभाग को पिछले तीन सालों के दौरान विभिन्न जांचों में 1155 जाली कंपनियों का पता चला है।

पीएम मोदी ने 15 अगस्त के भाषण में जो जो आंकड़े पेश किए स्क्रॉल ने उन सभी दावों की पोल खोल दी है । हालांकि ये पहली मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री की ओर से पेश किए गए आंकड़े गलत निकले हों ।

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