जब अमेरिका ने मैसूर के हैदर अली के नाम पर जश्न मनाया

हैदर अली का नाम तो सुना ही होगा ..? अरे हां टीपु सुलतान के वालिद साहब …
हैदर अली एक ऐसे मर्द मुजाहिद थे जिनका लोहा अंग्रेज़ो ने माना और अंग्रेज़ उनसे कोई भी जंग जीत ना सके और हमेशा शिकस्त ही उनकी क़िसमत बन गई..

पर क्या आपको मालुम है अमेरीका मे एक “हैदर अली” और भी थे.. जिन्होने अंग्रेज़ो के ख़िलाफ़ जंग मे हिस्सा लिया था और ये कोई इनसान नही था , ये अमेरिका के जहाज़ी बेड़ा का जंगी जहाज़ ‘हैदर अली’ था ..

अब कोई सवाल कर दे की “हैदर अली” ही नाम कयों .??
कयोंके हैदर अली एंटी ब्रिटिश आइकॉन थे मतलब anti imperialist आइकॉन

अमेरिका में icon के नाम पे warship रखने की शुरुवात से प्रथा है , शायद हैदर अली पहले विदेशी आइकॉन थे जिसके नाम पे उन्होंने warship का नाम रखा गया था ।

बात उस जमाने की है जब अमेरिका में ब्रिटिश साम्राजय के खिलाफ रिवोल्ट हो रहा था , मतलब अमेरिका की आज़ादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी अमेरीका के नायक को एक हीरो की ज़रुरत थी जिससे अमरीका वासी प्रेरणा ले सके, उनमे से एक शख़्स या कहें हीरो थे हैदर अली..
और जंगी जहाज़ ने जिस जिस जंग मे हिस्सा लिया उसमे से अधिकतर मे अंग्रेज़ो को शिकस्त का मज़ा चखना पड़ा

हैदर अली उस समय ऐसे एकलौते विदेशी शख़्स थे जिनके नाम पे अमेरिका ने एक warship जंगी जहाज़ का नाम रखा था , उनके बेटे शहीद टीपू सुल्तान को राकेट के जनक के रूप में मान्यता दिलवाने वाले अमेरिकी ही थी, जिसके बारे मे ए पी जे अबदुल कलाम ने अपनी किताब “विंग्स ऑफ़ फायर” में भी लिखा है