इजरायली प्रधानमंत्री ने आखिर विपक्ष से मुलाक़ात क्यों नहीं की?

इजराइल के प्रधानमंत्री बिंजामिन नितेन्याहू 6 दिवसीय दौरे पर भारत आये जहाँ उनका सरकारी स्तर पर जबर्दस्त स्वागत किया गया। जबकि जन स्तर पर उनकी विरोध की गई, लेकिन सबसे हैरतअंगेज बात यह हुई कि वह अपने 6 दिवसीय लंबे दौरे के बीच सिर्फ सत्ताधारी दल से मिलते रहे और विपक्ष से मुलाक़ात नहीं की जबकि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। और लोकतंत्र का तकाज़ा है कि विपक्ष का भी सम्मान किया जाये।

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आपको बता दें कि सरकारी दौरे का सारा कार्यक्रम विदेश मंत्रालय की ओर से तैयार किया जाता है। संभव है कि प्रिंसिपल विपक्षी पार्टी कांग्रेस को अधिकारिक तौर पर विपक्ष का दर्जा न मिलने की वजह से उसक नजरअंदाज किया गया हो, जबकि अगर इजरायली प्रधानमंत्री की ख्वाहिश ज़ाहिर करते तो ज़ाहिर है यह कोई मुश्किल काम नहीं था कि मुलाक़ात न होती लेकिन उन्होंने इसकी ज़रूरत नहीं समझी।

इस संबंध में इंकलाब ब्यूरो से खास बातचीत करते हुए सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता अतुल कुमार अंजन ने कहा कि अगर इजरायली प्रधानमंत्री लोकतंत्र के समर्थक थे तो उन्हें चाहिये था कि वह विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी मुलाक़ात करते। उन्होंने कहा कि फिल्म स्टारों से तो मुलाक़ात कर रहे हैं क्योंकि उनके जरिए उन्हें भारत में अपना कारोबार कराना है, अपने प्रोडक्ट बेचने हैं लेकिन उन्हें विपक्ष से कोई नजर नहीं आया।

मुमताज़ आलम रिज़वी