दोहा : अरब और खाड़ी देशों से बहिष्कार का सामना कर रहे कतर का एक व्यापार हाल ही में तब सुर्खियों में आया था जब उसने अपने देश में दूध की आपूर्ति के लिए बुडापेस्ट से 4000 गाय खरीदी थी। इन गायों का पहला झुंड हवाई मार्ग के जरिए कतर तक पहुंचा चुका है।
गायों के इस पहले झुंड को दोहा से 80 किलोमीटर दूर एक खेत में रखा गया है। इससे पहले कहा जा रहा था कि 4000 गायों को फ्लाइट के जरिए अगस्त माह तक कतर में लाया जाएगा। बलाद्ना लाइवस्टॉक प्रोडक्शन के एक वरिष्ठ प्रबंधक जॉन डोरे ने बताया, “हम 165 गाय लेकर आए हैं। सभी गाय बेहद प्रजाति की होल्स्टीन गाय है, खासकर डेयरी के लिए। इनमें से से 35 गाय अभी दूध दे रही है जबकि बाकी 130 दो से तीन हफ्तों के बाद दूध देने लगेंगी।
आपको बता दें कि पिछले महीने सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन तथा मिस्त्र ने कतर के साथ अपने सीमा द्वार और खाद्य उत्पादों का आयात बंद कर दिया था। इन देशों ने अमेरिकी राष्ट्रपति की सऊदी अरब यात्रा के बाद कतर के साथ अपने राजनयिक और यात्रिक संबंधों को खत्म करने का फैसला किया था। खाड़ी देशों का आरोप है कि कतर उग्रवादी समूह, जैसे कि फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास और शिया क्षेत्रीय शक्ति ईरान को मदद कर रहा है। इस संकट के बाद कतर में सबसे ज्यादा असर दूध की सप्लाई पर पड़ा था, क्योंकि कतर दूध की आपूर्ति के लिए इन्हीं देशों पर निर्भर था। हालांकि, राजनीतिक संकट शुरू होने के बाद से कतर ने तुर्की, ईरान और मोरक्को सहित विभिन्न देशों से खाद्य पदार्थ आयात किए थे।
कतर की जनसंख्या 2.7 मिलियन है जो खाद्य पदार्थों के लिए पूरी तरह से खाड़ी देशों पर निर्भर है। कतर का उद्देश्य देश में मौजूद मवेशियों की संख्या में पांच गुना बढ़ोतरी करना है, क्योंकि यह चालू संकट के कारण आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। डोरे ने कहा है कि कतर में “बीफ़ में आत्मनिर्भर” बनने के लिए पशुधन पहला कदम था, और इसका लक्ष्य निकट भविष्य में देश में पशुओं की संख्या को 5000 से बढ़ाकर 25,000 रूपये तक लाने में है। कहा जा रहा है कि कतर की योजना भविष्य में देश में पशुओं की संख्या को 5000 से बढ़ाकर 25,000 तक करने की है।
अगर इन परियोजनाओं को समय पर पूरा कर लिया जाता है तो क़तर इस साल के आख़िर तक रोज़ाना सौ टन दूध उत्पादन करने में सक्षम हो जाएगा और क़तर को अगले साल जून तक 14000 गायों से 300 टन दूध रोज़ाना मिलेगा.
इस तरह डेयरी उत्पादों के लिए कतर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पर निर्भर नहीं रहेगा बल्कि डेयरी उत्पादों के निर्यात करने में सक्षम हो जाएगा. संकट से पहले इन देशों के डेयरी उत्पादों से कतर अपनी 85 फ़ीसदी ज़रूरत को पूरा करता था.
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