क्यों इस आईटी एक्सपर्ट की रमजान माह में बढ़ जाती है मांग!

रमजान के इस महीने में जब भी मोहम्मद आसिफ से मिलेंगे, आपको वह बिल्कुल फ्रेश नजर आएंगे। उन्हें देखकर आप यह नहीं कह सकते कि उनके सोने के समय में कोई बदलाव हुआ है। बल्लीमारान में रहने वाले 31 साल के आसिफ ‘हाफिज’ हैं। इन दिनों आसिफ और उनके जैसे सैकड़ों लोगों की मस्जिदों में दरकार रहती है, जो तरावीह की नमाज का आयोजन करते हैं।

तरावीह की नमाज रमजान के दिनों में ईशा की नमाज (रात के समय मुस्लिमों द्वारा पढ़ी जाने वाली नमाज) के बाद पढ़ी जाती है जिसके अंदर पूरी कुरान पढ़ी जाती है।
इन दिनों आसिफ का फोकस अपने बिजनस पर नहीं बल्कि पूरी तरह मजहब पर रहता है। स्विस आईटी कंपनी की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने कनॉट प्लेस में वेब डवलपमेंट ऐंड सोशल मीडिया का अपना काम शुरू किया है।

बल्लीमारान की एक बुर्ज मस्जिद में वुजु के लिए बैठने के बाद आसिफ ने कहा, ‘मेरे अंडर कई लोग काम करते हैं और रमजान के वक्त जब मैं ऑफिस में नहीं रहता तो वे मेरा काम संभाल लेते हैं।’ आसिफ बताते हैं, रमजान के पवित्र महीने में वह अपने क्लायंट्स और कर्मचारियों से दूर रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘सहरी के बाद मैं रोज सुबह 6 बजे तक जगा रहता हूं, एक चैप्टर पढ़ता हूं और आधी कुरान जो तरावीह में पढ़ने वाला होता हूं, उसकी प्रैक्टिस करता हूं।’

इसके बाद आसिफ सो जाते हैं और सुबह 11 बजे उठ जाते हैं, कुरान के बाकी हिस्से को पढ़ते हैं, प्रैक्टिस करते हैं। दोपहर बाद 3 बजे वह बड़ों से मुलाकात करते हैं और उन्हें सुनाते हैं कि उनकी प्रैक्टिस सही है या नहीं, कहीं वह कुछ गलत तो नहीं पढ़ रहे! वह बताते हैं, ‘इस तरह के अभ्यास के बाद मैं रात की नमाज के लिए जाता हूं।’

आसिफ चांदनी चौक के फतेहपुरी स्कूल से पढ़े हैं और अपने रिश्तेदारों से प्रेरित होकर उन्होंने मकतब में प्रवेश लिया। वह बताते हैं कि उन्होंने कुरान पढ़कर सही उच्चारण सीखा। मकतब में रहते हुए उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया और इसके बाद कंप्यूटर से उनका प्यार उन्हें इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी की दुनिया में ले आया। स्विस कंपनी के लिए 6 साल काम करने के बाद उन्होंने अपना काम शुरू किया।

वह कहते हैं, ‘इन दिनों आसिफ और उनके जैसे सैकड़ों लोगों की मस्जिदों में दरकार रहती है, आज मैं एक कंप्यूटर एक्सपर्ट होने के साथ-साथ हाफिज भी हूं।’ रमजान में आसिफ का शेड्यूल ऐसा हो जाता है कि उनके पास अपने बिजनस के लिए वक्त नहीं बचता।