यहां एक पत्नी अपने पति का विकलांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पीठ पर पति को लादकर मंगलवार को सीएमओ ऑफिस पहुंची। उसकी मदद करने की बजाय लोग उसका विडियो बनाते रहे। जबकि ऑफिस में भी उसे व्हीलचेयर नहीं मिली।

ऐसे में उसे पति को पीठ पर ही लेकर जरूरी काम के लिए इधर से उधर दौड़ना पड़ा। इस मामले को देख मथुरा के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा यह तस्वीर सभ्य समाज के लिए दुखद है। हालांकि मामला सामने आने के बाद बुधवार को सीएमओ ने पति का विकलांग सर्टिफिकेट जारी कर दिया है।
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मथुरा की रहने वाली विमला के पति ट्रक ड्राइवर हैं। कुछ समय पहले उनके पैर की एक नस ब्लाक हो गयी। जिसके बाद डॉक्टर की सलाह पर उनका एक पैर काटना पड़ गया। विमला ही मेहनत मजदूरी कर अब घर का खर्च चला रही है।
विमला ने बताया कि पति का विकलांग सर्टिफिकेट नहीं बना था। किसी ने बताया कि सीएमओ ऑफिस से ही सर्टिफिकेट बनता है। ऐसे में वह अपने पति को लेकर पहुंची थी।
सीएमओ ऑफिस में जाने के लिए भी पति एक कदम चलने की हालत में अभी नहीं है। ऐसे में विमला उसे अपनी पीठ पर लादकर सीएमओ ऑफिस पहुंची थी। उसे अभी ट्राईसाइकिल भी नहीं मिली है और न ही इसके लिए उसने आवेदन किया है।
वहीं विमला की किसी ने भी मदद नहीं की। विमला अपने पति को पीठ पर लिए लिए ही एक कमरे से दुसरे कमरे तक घुमती रही। लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। न ही ही पब्लिक ने न ही किसी कर्मचारी ने। लोग उसका विडियो बनाने में ही व्यस्त रहे।
विमला ने बताया कि उसे ऑफिस में व्हील चेयर भी नहीं मिली तो पति का फोटो खिंचाने के लिए भी उसे पीठ पर लेकर जाना पड़ा।
वहीं सीएमओ एस के त्यागी ने कहा मेरे संज्ञान में ऐसा कोई भी मामला नहीं आया है। मैं जांच कर प्राथमिकता पर महिला के पति का सर्टिफिकेट बनवाऊंगा।