नई दिल्ली: सिर्फ साढ़े 6 महीने पहले गठन होने वाली दिल्ली उर्दू अकैडमी की गवर्निंग बोडी पिछले 16 जुलाई को एक सरकारी आदेश के बाद भंग कर दी गई। हालाँकि इसकी वजह से हल्के गुल्के इशारे सूत्रों से जरूर मिला था मगर उनकी पुष्टि नहीं हो पा रही थी।
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अकैडमी के वाईस चेयरमैन के तौर पर एक दिसंबर को चार्ज संभालने वाले जामिया मिल्लिया इस्लामिया उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शहपुर रसूल के मुताबिक उन्हें मंगलवार के दिन एक पत्र आर्ट एंड कल्चरल व लैंग्वेज की हेड मधुबाला शर्मा की ओर से मिला है जिसमें गवर्निंग बॉडी भंग किये जाने की बात बताई गई है।
वहीं दूसरी ओर अकैडमी में ही गवर्निंग बॉडी के सदस्य और आप कार्यकर्ता एफआई इस्माइल ने इस पूरे मामले को लेकर अंजुमन तरक्की उर्दू हिन्द के डाईरेक्टर डॉक्टर अतहर फारूकी पर आरोप लगाते हुए उनके जरिये किये जाने वाले मुक़दमा को इस भंग के लिए ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि अपने हिट के लिए पद पाने की कोशिश करने वालों की वजह से अल्पसंख्यकों के संसथानें बर्बाद हो रहे हैं।