कोर्ट के फैसले के बगैर न मस्जिद बन सकती है न ही मंदिर, फिर क्यों धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है

अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां शुरू होने से पहले भाजपा ने दावा किया था कि यह चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा, लेकिन अल्पसंख्यक नेताओं का कहना है कि जैसे जैसे चुनाव करीब आता गया भाजपा ने चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने में लग गई।

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चाहे वह राम मंदिर हो या फिर अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनाने का या फिर पाकिस्तान से गुजरात विधानसभा चुनाव को जोड़ने का।
ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल गुजरात इकाई के अध्यक्ष मुफ्ती रिजवान तारापूरी का कहना है कि हमने पहले ही कहा था कि भाजपा विकास के मुद्दे को लेकर चुनाव नहीं जीत सकती, इसलिए धीरे धीरे इन सभी मुद्दों को उठाया जा रहा है, जिनसे वोट बंट जाएँ।

अहमदाबाद के शाही इमाम मुफ़्ती शब्बीर आलम ने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों में कुछ इसी तरह का मुद्दा उठाया और वोटों को वितरित किया। उन्होंने कहा कि सभी बुद्धिमान लोग जानते हैं कि कोर्ट के फैसले के बिना न तो मस्जिद और न ही मंदिर बन सकती है, तो फिर क्यों चुनावों के दौरान इस मुद्दे को उठाया जा रहा है और लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।