शुक्रवार को मुंबई की बायकुला जेल में महिला कैदी मंजुला शेट्ये की मौत के मामले में हुई एफआईआर में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि राशन की कमी की शिकायत के बाद महिला पुलिसकर्मियों ने मंजुला के गुप्तांग में लाठी डाली थी।
एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार महिला कैदी मंजुला शेट्ये ने वकीलों से दो अंडे और पांच टुकड़े पाव (रोटी) के बारे में शिकायत की थी जिसे बेरहमी से मारा गया।
हिंदुस्तान टाइम्स के पास एफआईआर की प्रति है और गवाह का बयान है जो जेल के अमानवीय व्यवहार का विवरण देता है। उस महिला की मौत से अन्य कैदियों ने हिंसक विरोध की शुरुआत की जिनमें पूर्व मीडिया हस्ती इंद्राणी मुखर्जी भी शामिल थी, जो अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के लिए जेल में है।
दस्तावेजों के मुताबिक 23 जून को 9 बजे यह उस समय घटना हुई जब मंजुला को उसके अच्छे व्यवहार की वजह से बैरकों का वार्डन बनाया गया तो उसने पाया कि खाना कम हो गया। मंजुला को जेल अधिकारी मनीषा पोखरकर के निजी कमरे में बुलाया गया था। वापस आने पर मंजुला को दर्द था।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि जेल का एक समूह बैरक में आया और मंजुला को एक बार फिर से मारा। उसने कहा कि मंजुला को मारने वाली महिला कॉन्स्टेबलों बिंदू नायकडे, वसीमा शेख, शीतल शेगांवकर, सुरेखा गल्वे और आरती शिंगने के रूप में पहचान की गई है। गवाह ने कहा कि बिंदू और सुरेखा ने मंजुला के पैर फैलाये और वसीमा ने लाठी को उसके गुप्तांग में डाला।
मंजुला को खून बह रहा था और जेल अधिकारियों ने उसकी कोई मदद नहीं की। मंजुला बाथरूम में बेहोश हो गई और उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया, जिसने तुरंत उसे जे जे अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए कहा। मंजुला का अस्पताल में निधन हो गया।
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और गवाह के बयान के आधार पर पांच पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए एफआईआर और नागपाड़ा पुलिस थाने में हत्या का मामला जेल अधिकारी पर दर्ज किया गया। मंजुला अपनी बहू विद्या शेट्ये की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा काट रही थी।