नई दिल्ली: मुस्लिम महिलाओं के पहनावे को लेकर सोशल नेटवर्किंग साईट पर दो दिग्गज पत्रकार आपस में ही भिड गये। मुस्लिम महिलाओं के पहनावे को लेकर जहां पुरुष पत्रकार ने सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के का विरोध किया वही महिला पत्रकार ने सार्वजनिक स्थान पर बुर्का पहनने की इच्छुक महिलाओ का समर्थन किया।
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खबर के मुताबिक, सीनियर पत्रकार रामचंद्र गुहा ने ट्विटर पर लिखा-मुस्लिम महिलाओ के राजनैतिक रैली या किसी सार्जनिक स्थलों पर बुर्के पहनने को समस्या वाली बात बताते हुए विरोध किया। उन्होंने कहाकि हिजाब को स्वीकार किया जा सकता है ये ठीक पहनावा है जहाँ तक बुर्के की बात है ये घरो के अंदर तक ही सीमित रहना चाहिए।
पत्रकार रामचंद्र गुहा की इस टिप्पड़ी पर महिला पत्रकार हरिणी केलामुर ने भड़क गई और उनहोंने ज़वाब देते हुए ट्वीट किया कि कोई घर में बुर्का पहनने को कैसे कह सकता है। जबकि ये उपरी पोशाक है। इसलिए इसे घरो के बाहर ही पहना जायेगा।
why would anyone wear a burka with the family or at home.
it is an outer garment, with modesty overtones, worn outdoors and amongst strangers
*Scratches Head in utter confusion* https://t.co/uP1zu40fBd— Harini Calamur (#StayHome) (@calamur) March 20, 2018
उनके बुर्के को समर्थन पर कुछ यूजर की आलोचना का ज़वाब देते हुए उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा-मैं बुर्के का समर्थन नही करती हु लेकिन महिलाओ को क्या पहनना है और क्या नही इसकी आज़ादी होनी चाहिए, जो महिलाये बुर्का पहनना चाहती है उनका विरोध नही किया जा सकता है और जो नही पहनना चाहती है उन्हें पहनाने की ज़बरदस्ती करना भी गलत है।
उन्होंने बुर्के को धार्मिक संस्कार से भी जोड़ा और लिखा कि हम सभी अपने धार्मिक रीति रिवाजों के हिसाब से पले है इसलिय एक दुसरे को कैसे निर्देश दे सकते है।