म्यांमार सेना पूरे रखाईन स्टेट में इमरजेंसी लगाना चाहती है- रिपोर्ट

उग्रवादी गुट अराकान आर्मी के खिलाफ पिछले हफ्ते भारतीय सेना और म्यांमार सेना के साझा ऑपरेशन के बावजूद कालादान ट्रांजिट प्रोजेक्ट पर खतरा अभी टला नहीं है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अराकान आर्मी ने दावा किया है कि उसने म्यांमार सेना के खिलाफ जवाबी करवाई में 45 बर्मीज़ सैनिकों को मार दिया है।

यही नहीं, कालादान ट्रांजिट प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए ले जा रहे सामानों से भरी एक वेसल को भी हमले में अराकान आर्मी ने तबाह कर दिया है, जिससे प्रोजेक्ट के काम में काफी देरी हो रही है।

ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार सेना पूरे रखाईन स्टेट में इमरजेंसी लगाना चाहती है, जिससे वो अराकान आर्मी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सके।

भारतीय रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, अराकान आर्मी को विदेश से मदद मिल रही है। उन्हें हथियार और उग्रवादी कैंप में हमले की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे अराकानआर्मी म्यांमार सेना को कड़ी टक्कर दे रही है।

म्यांमार सेना को दो तरफ से चुनौती मिल रही है. एक आराकान रोहिंग्‍या सोलवेसन आर्मी (ARSA) और दूसरी तरफ अराकान आर्मी। ऐसे में स्थित काफी ख़राब दिख रही है।

सूत्रों के मुताबिक, म्यांमार के रखाईन स्टेट के मरुक यू और पलेत्वा में अराकान आर्मी ने म्यांमार सेना के 45 जवानों को मारने का दावा किया है और इस हमले में खुद म्यांमार सेना ने अपने 9 जवानों के मारे जाने की बात कबूल की है। उसके बाद म्यांमार सेना ने आरकान आर्मी के कई कैंप पर हवाई हमले किये थे।

भारतीय सेना ने भी 17 फ़रवरी से लेकर 2 मार्च तक म्यांमार सेना के साथ मिलकर साझा ऑपरेशन किये थे, लेकिन इसके बावजूद अभी भी खतरा टला नहीं है।