इज़राइली लेखक और पत्रकार तूर शेजफ ने इसरायली अखबार में प्रकाशित एक लेख में कहा, “रोहिंग्या अल्पसंख्यक के खिलाफ म्यांमार सेना द्वारा किए गए जातीय और धार्मिक सफाई में इजरायली हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप 700,000 मुस्लिमों को कत्ल कर दिया गया और उनके देश से निष्कासित कर दिया गया।
मिडिल ईस्ट मॉनिटर के मुताबिक, शेजफ ने जोर देकर कहा कि “इज़राइल ने संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बहिष्कार प्रस्तावों का पालन करने से इंकार कर दिया क्योंकि उसने म्यांमार को हथियारों से आपूर्ति रोकने के लिए रोहिंग्या मुस्लिमों की शिकायतों में योगदान दिया।
उन्होंने यह भी ध्यान दिया कि इजरायल अपनी सेना, सुरक्षा सेवाओं और सैन्य उद्योगों के माध्यम से, सैन्य प्रौद्योगिकी समेत म्यांमार की सशस्त्र बलों को विभिन्न हथियार भेज रहा है।
शेजाफ ने कहा कि “इज़राइल और म्यांमार के ऐतिहासिक संबंध हैं, और यह उचित नहीं है कि हम आज भी उसी गलतियों को दोहराएं जो हमने दक्षिण अफ्रीका में, नस्लीय शासन के दौरान म्यांमार के साथ किया है जो जातीय सफाई अपराध कर रहा है। वर्तमान में, इजरायल एक नई त्रासदी में योगदान दे रहा है।
बता दें कि पिछले साल 25 अगस्त को म्यांमार में रोहिंग्याओं के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया गया था। जिसे सयुंक्त राष्ट्र ने नस्लीय सफाये का नाम दिया था। सेना की इस क्रूर कार्रवाई के बाद करीब 7,00,000 लोगों ने बांग्लादेश शरणार्थी शिविरों में पनाह ली थी।