संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार पैनल के मुताबिक इस बात की विश्वसनीय रिपोर्ट्स हैं कि चीन ने 10 लाख उइगर मुसलमानों को खुफिया शिविरों में कैद कर रखा है। मानवाधिकार पैनल ने शिनजियांग प्रांत में सामूहिक हिरासत शिविरों में कैद उइगर मुसलमानों को लेकर चिंता जाहिर की है।
संयुक्त राष्ट्र की नस्लीय भेदभाव उन्मूलन समिति की सदस्य गे मैकडॉगल ने यह दावा किया है। चीन की नीतियों के दो दिवसीय रिव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि पेइचिंग ने इस स्वायत्त क्षेत्र को एक विशाल नजरबंदी शिविर जैसा बना रखा है।
ऐसा लगता है कि यहां सारे अधिकार निषिद्ध हैं और सब कुछ गुप्त है। उनके मुताबिक धार्मिक उग्रवाद से निपटने के लिए चीन ने ऐसा किया है। मैकडॉगल ने चिंता जताई है कि सिर्फ अपनी नस्लीय धार्मिक पहचान की वजह से उइगर समुदाय के साथ चीन में देश के दुश्मन की तरह बर्ताव किया जा रहा है।
उन्होंने तमाम रिपोर्ट्स के हवाले से कहा है विदेशों से शिनजियांग प्रांत में लौटने वाले सैकड़ों उइगर स्टूडेंट्स गायब हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कई हिरासत में हैं और कई हिरासत में मर भी चुके हैं।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक 50 सदस्यीय चीनी प्रतिनिधिमंडल ने अब तक मैकडॉगल के आरोपों का जवाब नहीं दिया है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत यू जियानहुआ ने अल्पसंख्यकों के लिए चीन की नीतियों को सराहा है। उन्होंने दावा किया है कि ये नीतियां सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।
शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमान बहुसंख्यक हैं। चीन के पश्चिमी हिस्से में स्थित इस प्रांत को आधिकारिक रूप से स्वायत्त घोषित करके रखा गया है।
कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने उइगर मुसलमानों को सामूहिक हिरासत कैंपों में रखने और उनके धार्मिक क्रियाकलापों में हस्तक्षेप करने को लेकर चीन की आलोचना की है।