पटना। आज भी भारत दुनिया में उतना ही अकेला है, जितना बहुत पहले से था। देश को सबसे अधिक खतरा चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ से है। आनेवाले दिनों में हमें इससे सावधान रहना पड़ेगा।
रविवार को गांधी संग्रहालय में आयोजित रणछोड़ प्रसाद स्मृति व्याख्यान में इंडियाज फॉरेन पॉलिसी एट द क्रॉस रोड्स विषय पर व्याख्यान देते हुए पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने ये बात कही।
यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप हो या फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का मामला, हमें तब तक कुछ नहीं हासिल होगा जब तक दुनिया को खुद हमारी जरूरत नहीं महसूस हो।
जब दूसरे बड़े राष्ट्रों को लगेगा कि हमारे बिना काम नहीं चल सकता, तभी वे हमें ये अधिकार देंगे। इसलिए हमें तेज़ी से आर्थिक विकास के रास्ते पर चलना होगा।
इस दौरान यशवंत सिन्हा ने आतंकवाद के मुद्दे पर अपनी दो टूक राय रखते हुए कहा कि इससे हमें खुद ही लड़ना होगा। कोई दूसरा हमारी रक्षा करने नहीं आयेगा। इसके खिलाफ हमें वैसे ही सुरक्षा प्रबंध करने चाहिए, जैसे कि दुनिया के कुछ अन्य देशों ने अपने लिये किया है, भले ही उस पर जितना भी खर्च करना पड़े।