स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर आकाशवाणी और दूरदर्शन ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के भाषण को प्रसारित नहीं किया।
ख़बरों के मुताबिक दूरदर्शन/आकाशवाणी ने सीएम माणिक सरकार ने उनके भाषण में कुछ बदलाव की मांग की थी लेकिन माणिक सरकार ने अपने भाषण में किसी भी संशोधन से इनकार कर दिया था।
इसके बाद दूरदर्शन/आकाशवाणी ने भी तेवर दिखाते हुए उनके भाषण का प्रसारण ही रोक दिया।
कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) ने भाषण प्रसारित नहीं करने का निर्णय लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
सीपीएम ने ट्वीट किया है, ‘क्या यही वो सहकारी संघवाद है जिसकी बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं।’ पार्टी ने बयान जारीकर कहा है, ‘मुख्यमंत्री माणिक सरकार को बताया गया कि उनका भाषण बिना बदलाव के प्रसारित नहीं किया जा सकता।’
वहीं सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के भाषण ब्रॉडकास्ट ना करना अलोकतांत्रित और गैरकानूनी है। दूरदर्शन बीजेपी और आरएसएस की संपत्ति नहीं है।
येचुरी ने कहा, ‘अगर ये तानाशाही और अघोषित इमरजेंसी नहीं है, तो क्या है? CPM, त्रिपुरा के लोग और सभी देशवासी इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। प्रमुख राजनीतिक दल अपने संकीर्ण राजनीतिक हितों के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं, खासतौर पर युवाओं को। धर्म और अन्य मुद्दों के नाम पर लोगों के बीच दीवारें खड़ी की जा रही हैं।’