21 जून के दिन दुनिया भर में योग दिवस मनाया गया है। सोशल मीडिया पर #इंटरनेशनल योगा डे ट्रेंड हुआ।
मोदी सरकार ने योगा डे के प्रमोशन पर अंधाधुंध पैसे बहाये, जिस पर विपक्षी पार्टियों ने भी काफी सवाल भी उठाया। मोदी सरकार ने योग को एक राजनीतिक मुद्दा बनाया हुआ है।
इस बीच सोशल मीडिया पर योग दिवस को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां की जा रही है।
मोदी सरकार दावा कर रही है कि दुनियाभर में योग दिवस मनाया गया है लेकिन ये सरासर झूठ है। दुनिया के तमाम मुल्कों में योग नहीं किया गया। मोदी सरकार हमेशा की तरह ये झूठा प्रचार प्रसार कर रही है।
योगा के लिए उड़ाए गए पैसों की बात करें तो भला उस योगा का क्या मतलब जब देश में गरीबी अपनी चर्म पर पहुंच रही है। किसान मर रहे हैं।
देश में हिंदूवादी संगठनों की गुंडागर्दी आयेदिन बढ़ रही है। लेकिन सरकार ने मौन आसन धारण किया हुआ है।
बेरोजगारी, अपराध, किसानों की आत्महत्याएं, महंगाई बढ़ रही है। लेकिन इनको कंट्रोल करने की जगह हमारे देश की सरकार योग दिवस मनाना ज्यादा जरुरी समझती है। ऊपर से उसकी प्रमोशन करने पर करोड़ों रूपये लगाती है।
सोशल मीडिया पर सरकार की बेवकूफी ये कुछ तस्वीरें बयां कर रही है:
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