योगी सरकार ने 1 लाख 92 हज़ार शिक्षकों का रोका मानदेय

लखनऊ: राज्य सरकार ने वित्तविहीन स्कूलों के 1.92 लाख से ज्यादा शिक्षकों को मानदेय न देने का फैसला किया है। पिछली सपा सरकार ने चुनावी वर्ष में उन्हें मानदेय के भुगतान के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था, पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले में यू-टर्न ले लिया है।
सम्बन्धित अफसरों को चालू वित्त वर्ष के बजट में इस मद में राशि का प्रावधान न करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्ष 1986 में यूपी बोर्ड ने उ.प्र. इंटरमीडिएट अधिनियम-1921 (यथा संशोधित) के तहत वित्तविहीन श्रेणी में मान्यता देने का प्रावधान लागू किया। मतलब, इन विद्यालयों को संचालित करने के लिए सरकार मान्यता तो देती है, पर इस पर आने वाले किसी भी तरह के खर्च उठाने की जिम्मेदारी नहीं लेती। लेकिन, प्रबंधन पर शोषण का आरोप लगाते हुए वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षक लंबे समय से सरकार से मानदेय देने की मांग कर रहे हैं।