इलाहाबाद: दीनी मदारिस का आरोप है कि राज्य सरकार मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है। बूचड़खाने पर प्रतिबंध लगाने के बाद मदरसा बोर्ड में गैर मुस्लिम नियुक्ति से राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय की चिंता अधिक बढ़ गई है।
यूपी में बूचड़खाने पर प्रतिबंध के बाद राज्य सरकार ने यूपी मदरसा बोर्ड में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया है। राज्य सरकार ने एक अप्रसिद्ध व्यक्ति राहुल गुप्ता को मदरसा बोर्ड का नया रजिस्ट्रार नियुक्त किया है। इन्हें उर्दू की कोई जानकारी नहीं है। राहुल गुप्ता की नियुक्ति से दीनी मदारिस के सामने नई मुश्किलें पैदा हो गई हैं।
अब तक यूपी मदरसा बोर्ड सरकार से सहायता प्राप्त दीनी मदारिस की एक एसी धार्मिक संस्था थी, जिसके पदाधिकारी आमतौर पर दीनी मामलों के जानकार होते थे। दीनी मदारिस के प्रतिनिधि संगठन ऑल इंडिया टीचर एसोसिएशन मदारिसे अरबिया ने योगी सरकार के इस फैसले पर कड़ी चिंता जताई है।
दीनी मदारिस का तर्क है कि दीनी मामले और भाषा से अपरिचित रजिस्ट्रार आ जाने से कई तकनीकी अड़चनें पैदा हो रही हैं। राज्य के प्रमुख धार्मिक संस्था जामिया इमामिया अनवारुल उलूम का कहना है कि मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार के लिए न्यूनतम उर्दू की जानकारी आवश्यक है। ताकि वे मदरसों की उर्दू में लिखी अनुरोध का निपटान कर सके।