इलाहबाद: उत्तर प्रदेश में उर्दू के दो महत्वपूर्ण सरकारी संस्था “यूपी उर्दू एकेडमी” और “फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमिटी” में अध्यक्ष की नियुक्ति न होने से इन संस्थाओं की गतिविधियाँ बदहाल हो गई है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दस महीने बाद भी राज्य सरकार ने उर्दू के इन संस्थाओं में अध्यक्ष के खाली पद पर किसी को नियुक्त नहीं किया है। इन संस्थाओं के बदहाल होने पर उर्दू के चाहने वालों ने सख्त चिंता का इजहार किया है।
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उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी को देश का पहला उर्दू एकेडमी होने गौरव हासिल है। लेकिन पिछले दस महीनों से एकेडमी में कोई अध्यक्ष नहीं है। अध्यक्ष पद खाली रहने से उर्दू की तरक्की के कई महत्वपूर्ण योजना ठप हो कर रह गए हैं। उर्दू एकेडमी की इस बदहाली पर उर्दूदां तबके की तरफ से सख्त चिंता का इजहार किया जा रहा है।
वहीँ प्रोफ़ेसर शम्सुर्रहमान ने इस स्थिति के लिए राज्य सरकार के साथ साथ उर्दू के जानने वाले जनता को भी जिम्मेदार ठहराया हैं। उनका कहना है कि उर्दू के चाहने वालों को राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए आगे आना चाहिए।