उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिए मिलने वाले बजट में भारी कटौती कर दी है। अखिलेश यादव सरकार की तुलना में योगी सरकार ने 580 करोड़ रुपये कम का प्रावधान किया है। योगी सरकार ने मात्र 2475.61 करोड़ रुपये का बजट अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजनाओं के आवंटित किया है।
राज्य की पिछली सरकार ने साल 2016-17 के बजट में 3055.98 करोड़ रुपये अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजनाओं के लिए दिए गए थे। उससे पहले 2015-16 में भी अखिलेश सरकार ने विभाग को 2776 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था।
योगी सरकार ने अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए 791.83 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। फीस प्रतिपूर्ति योजना के लिए 150 करोड़ की व्यवस्था की है। मदरसा आधुनिकीकरण योजना के लिए सरकार ने पिछले वर्ष की तरह 394 करोड़ रुपये दिए हैं।
वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी ने अखिलेश सरकार के समय की कब्रिस्तान की चारदीवारी निर्माण योजना पर रोक लगा दिया है।
उल्लेखनीय है कि अखिलेश सरकार ने इस योजना के लिए 400 करोड़ रुपये का बजट पास किया था। उसमें 146 मदरसों के अनुदान के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी। योगी सरकार ने इसके लिए एक भी पैसा नहीं दिया है।
अल्पसंख्यक बहुल बस्तियों के लिए मल्टी सेक्टोरल डिस्ट्रिक्ट डवलपमेंट प्लान (एमएसडीपी) के लिए योगी सरकार ने 340.90 करोड़ रुपये दिए हैं। इससे इन इलाकों में शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे।
इसके अलावा एमएसडीपी योजना में भी योगी सरकार ने भारी कटौती की है। इसके लिए सरकार ने 50 करोड़ की कटौती की है जबकि अखिलेश सरकार की योजना में 395 करोड़ रुपये दिए गए थे। दूसरी तरफ अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में महिला छात्रावास के निर्माण के लिए योगी सरकार ने 18.41 करोड़ रुपये का बजट पास किया है।