लखनऊ: तीन तलाक की तुलना द्रौपदी के चीरहरण से करने वाले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान को आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जाहिलाना करार दिया है। बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी ने कहा, ‘समझ नहीं आ रहा कि इस जाहिलाना बयान पर कैसी प्रतिक्रिया दूं।वे तलाक को द्रौपदी का चीरहरण जितना बड़ा मुद्दा मान रहे हैं। मानसिक रूप से स्वस्थ कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं करेगा। वह चीजों को अलग चश्में से देखते हैं।’
पीएम मोदी ने तीन तलाक को सामाजिक बुराई बताई थी जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने अगले ही दिन इसकी तुलना द्रौपदी के चीरहरण से कर दी। यागी ने कहा कि जो लोग इस ज्वलंत मुद्दे पर चुप है वो भी अपराध में भागीदार हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की जयंती पर एक पुस्तक का विमोचन करने के दौरान योगी आदित्यनाथ द्रौपदी के चरहरण की ज़िक्र करते हुए कहा कि चीरहरण के वक्त विधुर से पूछा गया था कि इस घटना का दोषी कौन है? तब विधुर ने जवाब दिया कि जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया, वे तो अपराधी हैं, सहयोगी और मौन रहने वाले भी इस अपराध में भागीदार हैं। इसी तरह से तीन तलाक को लेकर जो राजनेता मौन हैं, वे भी अपराध में भागीदार हैं।’
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त से ही भाजपा ने तीन तलाक को एक अहम मुद्दा बनाया है और अब यूपी विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तीन तलाक पर बीजेपी के तेवर तल्ख हो चुके हैं हालांकि मुस्लिम उलेमा इसे धार्मिक मामला बताते चले आ रहे हैं। लेकिन तीन तलाक के मसले पर किसी राजनेता का इस प्रकार का बयान राजनीति में धर्म अधिकारों का हनन करने से कम नहीं।
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