खुद सही से ना लिख पाने वाले योगी के मंत्री चले गये शिक्षकों की परीक्षा लेने, हुई शर्मिंदगी

सुल्तानपुर: प्रदेश के योगी सरकार साक्षरता बढ़ाने के लिए लाखों जतन कर रही। लेकिन हैरत इस बात पर है कि खुद सही से ना लिख पाने वाले मंत्री कई बार स्कूलों में शिक्षकों की परीक्षा लेने पहुंच जाते हैं। ताज़ा मामला सुल्तानपुर का है जहां प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह एक स्कूल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने जो अपनी रिपोर्ट लिखी उसमें कई सारी त्रुटियां सामने आईं हैं।

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जो 6-7 जुलाई को दो दिवसीय ज़िले के दौरे पर प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने दूबेपुर ब्लॉक अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय तुराबखानी का औचक निरीक्षण किया था। प्रभारी मंत्री ने अपने भ्रमण के दौरान यहां पठन-पाठन का जायजा लिया एवं एमडीएम का निरीक्षण किया था। उन्होंने छात्र/छात्राओं से पुस्तकें पढ़वाकर तथा कविताएं सुनकर शिक्षा की गुणवत्ता की जानकारी ली।

पठन-पाठन की गुणवत्ता अच्छी पाये जाने पर विद्यालय की सहायक अध्यापिका अमरीन जमाल की सराहना करते हुए प्रशंसा प्रमाण पत्र भी दिया। लेकिन यहीं पर मंत्री जी से बड़ी चूक हुई, उन्होंने रजिस्टर पर जो कुछ लिखा उसमें खामियां थी।

जैसे कि मंत्री ने निरीक्षण को ‘निरिक्षण’ लिखा, अध्यापिका को ‘अवभापिका’ और स्वच्छता को ‘स्कछता’ लिखा। यही नहीं उन्होंने शिक्षका का नाम भी ग़लत लिखा। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जब मंत्री के पास ही कचरा ज्ञान है तो उन्होंने उस शिक्षिका की गुणवत्ता को कैसे परखा।