बरेली: कभी फ़र्ज़ी एनकाउंटर तो कभी किसी बेगुनाह को जेल भेजकर योगी की पुलिस इन दिनों काफी वाहवाही लुट रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला स्मार्ट सिटी बरेली का है जहां पुलिस ने लूट और डकैती के आरोप में एक बेगुनाह को जेल भेज दिया। आठ महीने से एक बेगुनाह जेल में बंद होने की वजह से उसके घर की आर्थिक स्थति बिगड़ गई है। बता दें कि इस घटना के बाद से योगी सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है।
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खबर के मुताबिक, बेगुनाह मनोज की पत्नी शशि के बयान के अनुसार, उनके पति मनोज कुमार को आठ महीने पहले इज़्ज़तनगर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। जिसके बाद जाँच में पता चला जिस मनोज कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है वो बेगुनाह है जबकि असली मनोज कश्यप खुले आसमान में घूम रहा है।
ये बात पुलिस को तब पता चली जब जेल में बंद मनोज कश्यप के गैंग के अन्य साथियों ने बेगुनाह मनोज को जेल में पहचानने से इनकार कर दिया। जबकि गिरफ्तारी के समय मनोज और उसका परिवार पुलिस के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन पुलिस वालों ने उनकी एक न सुनी।
शशि का कहना है कि उसका पति हलवाई की दुकान पर काम करता था, उससे जो सैलरी मिलती थी उससे उसका परिवार चलता था, लेकिन आठ महीने से पति के जेल में बंद होने की वजह से घर की स्थति बिगड़ गई और उसके तीन बच्चे की पढ़ाई बाधित हो गई क्योंकि फीस जमा नहीं होने की वजह से उनका नाम काट दिया गया है।
उधर जब मीडिया ने इस मामले में एडीजी को जानकारी दी तब उन्हें इस मामले का पता चला। एडीजी प्रेम प्रकाश का कहना है की मामला गंभीर है उन्होंने इस मामले में सीओ सेकेंड नीति दिवेदी को तत्काल बेगुनाह मनोज को जेल से छोड़ने के निर्देश दिए। साथ ही एडीजी ने बताया की इस मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।